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दिल्ली : JNU में फिर छाया ‘लाल सलाम’, चारों सीटों पर लेफ्ट ने मारी बाजी, ABVP को मिली शिकस्त

दिल्ली : JNU में फिर छाया ‘लाल सलाम’, चारों सीटों पर लेफ्ट ने मारी बाजी, ABVP को मिली शिकस्त

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नई दिल्ली, 6 नवम्बर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्रसंघ चुनाव में एक बार फिर ‘लाल सलाम’ छा गया है। इस क्रम में अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, संयुक्त सचिव और महासचिव यानी चारों पदों पर लेफ्ट यूनाइटेड ने कब्जा जमा लिया है।

लेफ्ट यूनाइटेड के प्रत्याशियों में अध्यक्ष पद पर अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद पर के. गोपिका, महासचिव पद पर सुनील यादव तो संयुक्त सचिव पद पर दानिश अली ने जीत हासिल की है। चारों पदों पर भारतीय जनता पार्टी की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उम्मीदवारों को शिकस्त का सामना करना पड़ा है।

वाराणसी निवासी अदिति मिश्रा अध्यक्ष निर्वाचित, सुनील यादव महासचिव

अध्यक्ष पद पर वाराणसी निवासी लेफ्ट की अदिति मिश्रा के सामने ABVP से विकास पटेल सामने थे। अदिति मिश्रा को सबसे ज्यादा 1937 वोट मिले और उन्होंने विकास पटेल को 449 वोटों के अंतर से हराया।

उपाध्यक्ष पद पर के. गोपिका को 3101 मत मिले और ABVP की तान्या कुमारी दूसरे नंबर पर रहीं। महासचिव पद पर लेफ्ट के सुनील यादव को सबसे अधिक 2002 वोट मिले। उन्होंने राजेश्वत कांत दुबे को मात दी। संयुक्त सचिव पद पर दानिश अली को 2083 मत मिले, जिन्होंने अनुज दमारा को परास्त किया।

BHU  में अध्ययन के समय से बगावती तेवर दिखाती रही हैं अदिति

जहां तक नवनिर्वाचित अध्यक्ष अदिति मिश्रा का सवाल है तो वह बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाती रही हैं। उन्होंने फीस वृद्धि और सीएए के विरोध में भी छात्रों का साथ दिया। वर्तमान में वह जेएनयू में पीएचडी सेकेंड ईयर की छात्रा हैं और आईसा की प्रतिनिधि भी हैं।

महिलाओं के हॉस्टल कर्फ्यू के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय भूमिका

बीएचयू में स्नातक में पढ़ाई के दौरान ही अदिति ने 2017 में महिलाओं के हॉस्टल कर्फ्यू के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी, जिसमें उनकी जीत हुई थी। उसके बाद पुडुच्चेरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बाद 2018 में उन्होंने वीसी दफ्तर का घेराव किया। 2019 में फीस वृद्धि के विरोध में छात्रों के प्रदर्शन में वह शामिल रहीं और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी आंदोलनों में एकजुटता दिखाई।

वर्ष 2020 में हाशिए में खड़े छात्रों के हक में उन्होंने आवाज बुलंद की। वर्तमान में जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्ट्डीज में पीएचडी की छात्रा अदिति ‘उत्तर प्रदेश में 2012 से महिलाओं द्वारा लैंगिक हिंसा के खिलाफ प्रतिरोध’ पर शोध कर रही हैं।

अदिति ने यौन उत्पीड़न शिकायतों में पारदर्शिता लाने के लिए रिपोर्ट पेश की। आईसा की सक्रियता से आदिति ने पार्टी में सभी जेंडर के छात्रों के लिए सीट खोली, जो समावेशी लैंगिकसंवेदीकरण की दिशा में कदम है।

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