कोच्चि के शख्स ने कन्वेंशन सेंटर में ब्लास्ट की ली जिम्मेदारी, केरल पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
तिरुवनंतपुरम, 29 अक्टूबर। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में कोच्चि के एक व्यक्ति ने रविवार को कलामासेरी के एक कन्वेंशन सेंटर में हुए बम विस्फोट की जिम्मेदारी लेते हुए केरल पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
मीडिया खबरों के अनुसार विस्फोट की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति ने त्रिशूर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया। व्यक्ति ने बम लगाने की बात स्वीकार की, जिससे एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए, जिनमें से सात की हालत फिलहाल गंभीर है।
उल्लेखनीय है कि एर्नाकुलम के कलामासेरी इलाके में आज सुबह यहोवा के साक्षियों की प्रार्थनासभा में हुए कई विस्फोटों में एक महिला की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, उस स्थान से कई विस्फोटों की सूचना मिली थी, जहां यहोवा के साक्षी विश्वासियों की बैठक आयोजित की गई थी। विस्फोट सुबह करीब नौ बजे हुए थे। हॉल को सील कर दिया गया था और केरल पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता घटनास्थल पर था।
मार्टिन नाम के शख्स ने हमले की वजह भी बताई
इसके पहले आरोपित ने फेसबुक पर लाइव होकर कहा कि उसने यहोवा के साक्षियों की मंडली पर उनके “राष्ट्र-विरोधी” आदर्शों के कारण हमला किया। उसने लाइव प्रसारण में कहा कि उसने जो गुमराह आंदोलन देखा, उसे सुधारने की कोशिश की। पुलिस ने अब तक लाइव स्ट्रीम के दौरान दिए गए बयानों की सत्यता की पुष्टि नहीं की है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोपित ने लाइव आकर कहा, ‘मेरा नाम मार्टिन है। यहोवा साक्षी समूह द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में एक बम विस्फोट हुआ, जिसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण विनाश हुआ। मैं इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं यह फेसबुक लाइव यह बताने के लिए कर रहा हूं कि मैंने यह कृत्य क्यों किया। छह साल पहले, मुझे एहसास हुआ कि यह संगठन गलत था, और इसकी शिक्षाएं अत्यधिक राष्ट्र-विरोधी थीं। मैंने यह बात उनके ध्यान में लाई और उनसे अपने तरीके सुधारने का आग्रह किया। हालांकि, वे अब तक ऐसा करने को तैयार नहीं हैं।’
मार्टिन ने लाइव पर आगे कहा, ‘वे जो सिखाते हैं, मैं उसका विरोध करता हूं। मैं पूरे विश्वास के साथ कहता हूं कि इस संगठन की इस समाज में आवश्यकता नहीं है। मैं तुरंत पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दूंगा। आगे किसी जांच की कोई जरूरत नहीं है। मैं एक और बात जोड़ना चाहूंगा : मैंने बम विस्फोटों की योजना कैसे बनाई, इसका विवरण समाचार चैनलों या सोशल मीडिया पर प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। यह जानकारी एक आम आदमी के हाथों में खतरनाक हो सकती है और इसके महत्वपूर्ण परिणाम हो सकते हैं। यह बताते हुए मैं यही निष्कर्ष निकालता हूं।’