ब्रिटेन : किंग चार्ल्स III का ऐतिहासिक राज्याभिषेक संपन्न, दुनियाभर के 2 हजार मेहमान बने साक्षी
लंदन, 6 मई। किंग चार्ल्स III का शनिवार को भव्य समारोह के बीच ऐतिहासिक राज्याभिषेक हो गया। 74 वर्षीय किंग चार्ल्स III अपनी पत्नी और क्वीन कैमिला के साथ वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचे, जहां एक धार्मिक समारोह में उन्हें यूनाइटेड किंगडम के राजा का ताज पहनाया गया। यह परंपरा लगभग एक हजार साल पुरानी है। समारोह में किंग चार्ल्स तृतीय की पत्नी कैमिला भी आधिकारिक रूप से ‘क्वीन कंसोर्ट’ से ‘क्वीन’ बन गईं।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सपत्नीक समारोह में शामिल हुए
राज्याभिषेक में देश-विदेश के दो हजार मेहमान शरीक हुए। भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ लंदन पहुंचे। उप राष्ट्रपति का बकिंघम पैलेस में आयोजित एक समारोह में स्वागत किया गया। इसके साथ ही उन्होंने लंदन में होने वाले राज्याभिषेक समारोह से पहले किंग चार्ल्स तृतीय से मुलाकात भी की। इस मुलाकात को लेकर उप राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडिल से जानकारी शेयर की गई है।
समारोह में भव्य परंपरा का किया गया निर्वहन
वेस्टमिंस्टर एबे 1066 में विलियम द कॉन्करर के बाद से हर ब्रिटिश राज्याभिषेक का साक्षी रहा है और किंग चार्ल्स III और उनकी पत्नी क्वीन कैमिला ने इस भव्य परंपरा का निर्वहन किया। राज्याभिषेक की पूर्व संध्या पर बकिंघम पैलेस ने राजशाही के आधिकारिक अकाउंट से एक ट्वीट कर पहली बार रानी कैमिला का जिक्र किया। राज्याभिषेक थिएटर में फूलों की भव्यता और तैयारियों के फुटेज शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा – वेस्टमिंस्टर एबे किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला के राज्याभिषेक के लिए तैयार है। चार्ल्स और कैमिला ने 2005 में शादी की थी।
सबसे अहम सिंहासन, 700 साल पुरानी शाही कुर्सी
ब्रिटेन के महाराजा चार्ल्स तृतीय एबे वेस्टमिंस्टर में अपने ऐतिहासिक राज्याभिषेक के दौरान शाही सिंहासन पर बैठे। 86 वर्ष पहले इस गद्दी पर उनके नाना जॉर्ज-षष्टम ताजपोशी के समय बैठे थे। शाही परंपरा के अनुसार ताजपोशी के समय कई स्टेप होते हैं और इस दौरान अलग-अलग पारंपरिक गद्दियों और सिंहासनों का उपयोग किया जाता है। राज्याभिषेक के दौरान महाराजा चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला अलग-अलग क्षणों में ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’, ‘चेयर्स ऑफ स्टेट’ और ‘थ्रोन चेयर्स’ पर बैठे।
किंग ने कौन सा ताज पहना?
ये 17वीं सदी का सेंट एडवर्ड क्राउन है, जो सॉलिड गोल्ड से बना हुआ है. लगभग ढाई किलो वजन का ये मुकुट आम मौकों नहीं, सिर्फ राज्याभिषेक के दौरान पहना जाता है, जो कि प्रतीकात्मक होता है। इसके बाद इसे सहेजकर रख दिया जाता है।
राज्याभिषेक के दौरान एडिनबरा, कार्डिफ और बेलफास्ट समेत पूरे ब्रिटेन में 13 जगहों पर तोपों की सलामी दी गई। किंग चार्ल्स III की ताजपोशी के रूप में रॉयल नेवी के जहाजों को भी तैनात किया गया।
पीएम ऋषि सुनक ने निभाई अहम भूमिका
इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में ‘बिब्लिकल बुक ऑफ कोलोसियन’यानी बाइबिल के कुछ अंश पढ़े। सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं और हिन्दू धर्म में आस्था रखते हैं। बाइबिल पढ़कर उन्होंने ईसाई समारोह की आस्था बहु-विश्वास को आगे बढ़ाया।
किंग और क्वीन ने पवित्र भोज प्राप्त किया
कैंटरबरी के आर्कबिशप के सामने किंग ने ब्रेड और वाइन के गिफ्ट्स को स्वीकार किया। पवित्र भोज या पवित्र रोटी और शराब लेना, ईसाई धर्म के लिए पूजा का एक अभिन्न अंग माना जाता है।