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Khatu Shyam Birthday: कब है खाटू श्याम जी का जन्मदिन? जानें तिथि और बाबा श्याम का प्रिय भोग

Khatu Shyam Birthday: कब है खाटू श्याम जी का जन्मदिन? जानें तिथि और बाबा श्याम का प्रिय भोग

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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर। देवउठनी एकादशी का दिन न सिर्फ शुभ कार्यों की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह दिन खाटू श्याम जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। ‘हारे के सहारे’ माने जाने वाले खाटू श्याम बाबा के भक्त इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और भक्ति गीतों के साथ उनका जन्मदिन मनाते हैं। इस साल खाटू श्याम जी का जन्मदिन 1 नवंबर 2025 को मनाया जाएगा। भक्त इस दिन घर पर विशेष पूजा, भोग और भक्ति गीतों के माध्यम से बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जानिए कैसे मनाएं यह पावन पर्व और कौन सा प्रसाद बाबा श्याम को सबसे प्रिय है।

खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन ही खाटू श्याम बाबा का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को भक्त ‘खाटू श्याम जन्मोत्सव’ के रूप में मनाते हैं। इस साल यह तिथि 1 नवंबर 2025 को पड़ रही है। देशभर में बाबा श्याम के मंदिरों में भव्य आयोजन होंगे।

कैसे करें घर पर खाटू श्याम जी की पूजा
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले या लाल वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ करें और वहां गंगाजल का छिड़काव करें। अब चौकी पर लाल या पीले कपड़े बिछाकर बाबा श्याम जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। बाबा को फूल, माला और भोग अर्पित करें। पूजा स्थल के सामने रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और ‘ॐ श्री श्याम देवाय नमः’ या ‘जय श्री श्याम’ मंत्र का अपनी इच्छा अनुसाप 11, 21 या 108 बार जाप करें।

बाबा श्याम को चढ़ाएं उनका प्रिय भोग
धर्म शास्त्रों के अनुसार, बाबा खाटू श्याम जी को चूरमा, खीर, पेड़े और मिश्री का भोग बेहद प्रिय है। भक्त घर पर बने पेड़े और चूरमा से बाबा को प्रसन्न कर सकते हैं। पूजा के बाद आरती करें और प्रसाद परिवार और श्रद्धालुओं में बांटें।

आरती से पूर्ण करें पूजा
बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर आरती के समय कपूर या घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। यह दिन बाबा श्याम की भक्ति में लीन होकर उन्हें प्रसन्न करने का अवसर माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त इस दिन सच्चे मन से पूजा करते हैं, उनके जीवन से दुख और संकट दूर होते हैं। कलियुग में बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा गया है। इसका मतलब है कि बाबा श्याम हर उस व्यक्ति की मनोकामना पूरी करते हैं, जो सच्चे दिल से उनकी शरण में आता है।

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