बेंगलुरु, 22 सितम्बर। कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति वी. श्रीशानंद ने हाल में एक मामले में सुनवाई के दौरान की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए खेद जताया है। ये टिप्पणियां सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उच्चतम न्यायालय को इस पर संज्ञान लेना पड़ा था।
जज को बेंगलुरु में एक इलाके को ‘पाकिस्तान’ कहते हुए सुना गया था
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ ने 20 सितम्बर को दो वीडियो पर संज्ञान लिया था, जिसमें उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को अदालत में टिप्पणियां करते हुए देखा गया और पीठ ने इस पर उच्च न्यायालय के महापंजीयक से एक रिपोर्ट मांगी थी। इनमें से एक वीडियो में न्यायमूर्ति श्रीशानंद को बेंगलुरु में एक इलाके को ‘‘पाकिस्तान’’ कहते हुए सुना गया।
‘मेरा उद्देश्य किसी व्यक्ति या समाज को ठेस पहुंचाना नहीं था’
अदालत की कार्यवाही शनिवार दोपहर को शुरू होने पर न्यायमूर्ति श्रीशानंद ने इस संबंध में अपना बयान पढ़ा। उन्होंने कहा, ‘‘न्यायिक कार्यवाही के दौरान की गई कुछ टिप्पणियों को सोशल मीडिया मंचों पर बिना संदर्भ के प्रसारित किया गया। टिप्पणियां जान बूझकर नहीं की गईं और उनका उद्देश्य किसी व्यक्ति या समाज के किसी भी वर्ग को ठेस पहुंचाना नहीं था। यदि ऐसी टिप्पणियों से किसी व्यक्ति या समाज या समुदाय के किसी वर्ग को ठेस पहुंचती है, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।’’
न्यायमूर्ति श्रीशानंद के इस बयान के वक्त एडवोकेट्स एसोसिएशन, बेंगलुरु (एएबी) के कुछ सदस्य भी अदालत में मौजूद थे। वकीलों ने कहा कि कुछ यूट्यूबर भ्रामक शीर्षकों के साथ अदालती कार्यवाहियों की क्लिप पोस्ट कर रहे हैं, जिससे दिक्कत हो रही है।