‘मुफ्त की रेवड़ी’ बनी गले की फांस : कर्नाटक हाई कोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया को जारी की नोटिस
बेंगलुरु, 28 जुलाई। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए चुनाव पूर्व किया गया वादा अब गले की फांस बनता जा रहा है। इस क्रम में कर्नाटक हाई कोर्ट ने उन्हें ‘पांच गारंटी’ के खिलाफ दायर एक याचिका के सिलसिले में नोटिस जारी की है।
कांग्रेस की ‘पांच गारंटी‘ के खिलाफ दायर की गई है याचिका
दरअसल कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को चुनावी कदाचार का आरोप लगाते हुए वरुणा विधानसभा क्षेत्र से अयोग्य ठहराए जाने की मांग वाली याचिका पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को नोटिस जारी की। वेबसाइट लॉ ट्रेंड के अनुसार यह याचिका वरुणा विधानसभा क्षेत्र के निवासी के एम शंकर ने दायर की है।
एम शंकर की याचिका में कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत रिश्वतखोरी के जैसा कहा गया है। आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया ने संविधान के प्रावधानों और जन प्रतिनिधित्व कानून के नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव ने सिद्धारमैया को नोटिस जारी करने का आदेश देने के साथ सुनवाई स्थगित कर दी। मामले की अगली सुनवाई एक सितम्बर को होगी।
मामले की अगली सुनवाई एक सितम्बर को होगी
याचिका में कांग्रेस पार्टी के चुनाव घोषणापत्र को ‘दोषी’ ठहराया गया है, जिसमें पांच गारंटियों का वादा किया गया था और उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (2) के तहत रिश्वतखोरी और अनुचित प्रभाव के समान भ्रष्ट आचरण करार दिया गया था। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि उक्त गारंटी उम्मीदवार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए प्रस्ताव और वादों की प्रकृति में हैं। यह प्रतिवादी (सिद्धारमैया) की सहमति से किया गया था।