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कर्नाटक के कांग्रेस विधायक गोपालकृष्ण का सुझाव – ‘यदि पीएम मोदी 75 वर्ष की उम्र में पद छोड़ दें तो गडकरी होंगे योग्य उत्तराधिकारी’

कर्नाटक के कांग्रेस विधायक गोपालकृष्ण का सुझाव – ‘यदि पीएम मोदी 75 वर्ष की उम्र में पद छोड़ दें तो गडकरी होंगे योग्य उत्तराधिकारी’

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बेंगलुरु, 13 जुलाई। कर्नाटक के कांग्रेस विधायक बेलूर गोपालकृष्ण ने सुझाव दिया है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 वर्ष की उम्र में पद छोड़ दें तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके आदर्श उत्तराधिकारी साबित होंगे। गोपालकृष्ण की यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के हालिया बयानों के जवाब में आई है, जिसमें उन्होंने 75 वर्ष की उम्र में नेताओं के पद छोड़ने की बात कही थी।

आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. भागवत ने नागपुर में बीते बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान संघ विचारक दिवंगत मोरोपंत पिंगले के 75 वर्ष की उम्र के बाद पद छोड़ने संबंधी बयान का हवाला दिया।

गडकरी की सेवा और उनके व्यक्तित्व को जानती है देश की जनता

गोपालकृष्ण ने कहा, ‘गडकरी को देश का अगला प्रधानमंत्री होना चाहिए क्योंकि वह आम आदमी के साथ हैं। उन्होंने राजमार्गों और अन्य मामलों में देश के विकास के लिए अच्छा काम किया है। देश की जनता उनकी सेवा और उनके व्यक्तित्व को जानती है।’

कांग्रेस नेता ने पत्रकारों से बातचीत में गडकरी द्वारा कथित तौर पर दिए गए एक बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने देश के गरीबों के प्रति चिंता व्यक्त की थी और दावा किया था कि अमीर और अमीर होते जा रहे हैं।

गोपालकृष्ण ने कहा, ‘इस पर विचार करने से लगता है कि गडकरी के पास (देश के विकास के लिए) एक अवधारणा है और ऐसे लोगों को (प्रधानमंत्री) बनाया जाना चाहिए। मोहन भागवत ने संकेत दिया है कि जो लोग 75 साल के हो गए हैं, उन्हें पद छोड़ना होगा, इसलिए मुझे लगता है कि गडकरी के लिए समय आ गया है।’

बीएस येदियुरप्पा को इस्तीफा देने के लिए बाध्य किया गया था

कांग्रेस विधायक ने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा को 75 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का कोई भी नेता मोदी के बारे में नहीं बोल रहा है।

गोपालकृष्ण ने कहा, ‘भाजपा के पापियों ने उन्हें (येदियुरप्पा को) आंखों में आंसू लिए इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। वह एक वरिष्ठ नेता थे, जिन्होंने भाजपा को बनाया और राज्य में उसे सत्ता में लाए। ऐसे में मोदी के साथ अलग व्यवहार क्यों? क्या मोदी के निर्देश पर ही येदियुरप्पा को पद छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया?मोहन भागवत ने भी यही कहा है कि 75 वर्ष की उम्र के बाद किसी को सत्ता में नहीं रहना चाहिए और दूसरों को अवसर दिया जाना चाहिए, इसलिए मुझे लगता है कि गडकरी को यह मौका दिया जाएगा।’

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