कंगना रनौत का 3 कृषि कानूनों पर यूटर्न – वीडियो जारी कर जताया खेद, कांग्रेस ने बयान को बनाया हथियार
नई दिल्ली, 25 सितम्बर। बॉलीवुड एक्ट्रेस और मंडी (हिमाचल प्रदेश) से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने अपने बयानों से भारतीय जनता पार्टी के लिए फिर मुश्किल खड़ी कर दी है। बीते दिनों किसान आंदोलन पर दिए गए विवादित बयान के अब कंगना ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच तीन कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की बात कहकर पार्टी की जान फिर सांसत में डाल दी है।
कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर सांसद कंगना रनौत की कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने कहा कि हरियाणा इसका करारा जवाब देगा। फिलहाल बवाल बढ़ता देख हिमाचल कंगना रनौत तत्काल बैकफुट पर आ गईं। उन्होंने एक वीडियो जारी कर खेद जताते हुए अपना बयान वापस ले लिया।
Do listen to this, I stand with my party regarding Farmers Law. Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/wMcc88nlK2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 25, 2024
कंगना रनौत ने आज कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में मीडिया ने मुझसे किसान कानून पर कुछ सवाल पूछे। मैंने सुझाव दिया कि किसानों को पीएम नरेंद्र मोदी से किसान कानून वापस लाने का अनुरोध करना चाहिए। मेरे बयान से कई लोग निराश और हताश हैं। जब किसान कानून प्रस्तावित किया गया था तो हममें से कई लोगों ने इसका समर्थन किया था, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ इसे वापस ले लिया। और हम सभी कार्यकर्ताओं का यह कर्तव्य है कि हम उनके शब्दों की गरिमा का सम्मान करें।’
अभिनेत्री से नेत्री बनीं कंगना ने आगे कहा, ‘मुझे भी यह ध्यान रखना है। मैं कोई कलाकार नहीं हूं। मैं भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हूं। मेरी राय मेरी अपनी होने के बजाय पार्टी का रुख होनी चाहिए। इसलिए अगर मैं किसी को अपने शब्दों और अपनी सोच से निराश करती हूं, तो मुझे खेद होगा और मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।’
कांग्रेस ने कंगना का पुराना वीडियो शेयर कर बोला हमला
वहीं कांग्रेस ने X पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो शेयर किया। इसमें वह कथित तौर पर हिन्दी में कह रही हैं, ‘जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं, उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे।’
किसानों के खिलाफ फिर से साजिश रच रही BJP pic.twitter.com/H00P0doIIY
— Congress (@INCIndia) September 24, 2024
कांग्रेस ने वीडियो के साथ एक पोस्ट में कहा, ‘किसानों पर थोपे गए तीनों काले कानून वापस लाए जाएं। यह बात भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कही है। देश के 750 से अधिक किसान शहीद हो गए, तब जाकर मोदी सरकार जागी और ये काले कानून वापस लिए गए।’ कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अब भाजपा सांसद इन कानूनों को वापस लाने की योजना बना रहे हैं।
खरगे बोले – ‘भाजपा की रग-रग में किसान विरोधी नफरती मानसिकता‘
उधर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कंगना रनौत की एक टिप्प्णी को लेकर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी की रग-रग में किसान विरोधी नफरती मानसिकता बसी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के खिलाफ है।
खरगे ने X पर पोस्ट में कहा, ‘750 किसानों की शहादत के बाद भी किसान विरोधी भाजपा और मोदी सरकार को अपने घोर अपराध का अहसास नहीं हुआ। किसान-विरोधी तीन काले क़ानूनों को फिर से लागू करने की बात की जा रही है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है।’
750 किसानों की शहादत के बाद भी किसान विरोधी भाजपा और मोदी सरकार को अपने घोर अपराध का अहसास नहीं हुआ !
तीन काले किसान-विरोधी क़ानूनों को फिर से लागू होने की बात की जा रही है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है।
किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 25, 2024
उन्होंने कहा कि किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलवाने वाली मोदी सरकार ने हमारे अन्नदाता के लिए कँटीले तार, ड्रोन से आंसू गैस, कीलें और बंदूक़ें… सबका इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ भारत के 62 करोड़ किसान कभी भूल नहीं पाएंगे।
हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों से भाजपा का करारा जवाब मिलेगा
कांग्रेस प्रमुख ने दावा किया कि इस बार हरियाणा समेत सभी चुनावी राज्यों से खुद प्रधानमंत्री की संसद में किसानों के लिए “आंदोलनजीवी” और “परजीवी” जैसी अपमानजनक टिप्पणी किए जाने का करारा जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा, “मोदी जी की बयानबाजी के चलते उनके मंत्रियों और सांसदों एवं दुष्प्रचार तंत्र को किसानों का अपमान करने की आदत हो गई है।”
गौरतलब है कि किसानों के विरोध के बाद तीन कृषि कानून कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम; कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम तथा आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम को नवंबर 2021 में निरस्त कर दिया गया था। किसानों का विरोध नवम्बर 2020 के अंत में शुरू हुआ था। संसद द्वारा तीनों कानूनों को निरस्त करने के बाद समाप्त हुआ। ये कानून जून, 2020 में लागू हुए थे और नवम्बर, 2021 में निरस्त कर दिए गए।