1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. जस्टिस संजीव खन्ना होंगे देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश, CJI चंद्रचूड़ ने केंद्र को पत्र लिखकर की सिफारिश
जस्टिस संजीव खन्ना होंगे देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश, CJI चंद्रचूड़ ने केंद्र को पत्र लिखकर की सिफारिश

जस्टिस संजीव खन्ना होंगे देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश, CJI चंद्रचूड़ ने केंद्र को पत्र लिखकर की सिफारिश

0
Social Share

नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) डी. वाई चंद्रचूड़ ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को अपना उत्तराधिकारी नामित किया है। सरकार द्वारा मंजूरी मिलने पर न्यायमूर्ति खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होने से पहले उनका कार्यकाल छह माह का होगा।

सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवम्बर को अवकाश ग्रहण करेंगे

उल्लेखनीय है कि सीजेआई चंद्रचूड़ 10 नवम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। केंद्र सरकार ने परंपरा के अनुसार पिछले हफ्ते उन्हें पत्र लिखकर कार्यालय में अपने उत्तराधिकारी का नाम बताने का अनुरोध किया था।

जस्टिस खन्ना का बतौर सीजेआई 6 माह का होगा कार्यकाल

सूत्रों के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने बुधवार को न्यायमूर्ति खन्ना को अपनी सिफारिश का पत्र सौंपा था। 18 जनवरी, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत न्यायमूर्ति खन्ना यदि 11 नवम्बर को 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करते हैं तो उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा अधिक होगा और वह 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे।

न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विवि से की है कानून की पढ़ाई

न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया। 14 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ (सीएलसी) से कानून की पढ़ाई की।

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों पर एक नजर

सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों में चुनावों में ईवीएम के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ये उपकरण सुरक्षित हैं और इनसे मतदान केंद्रों पर कब्जा कर फर्जी मतदान करने की आशंका समाप्त हो जाती है।

न्यायमूर्ति खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने राजनीतिक दलों को वित्त पोषण देने वाली चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था। वह पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code