1. Home
  2. हिन्दी
  3. राष्ट्रीय
  4. कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को वर्ष 2023 का ज्ञानपीठ पुरस्कार
कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को वर्ष 2023 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को वर्ष 2023 का ज्ञानपीठ पुरस्कार

0
Social Share

नई दिल्ली, 17 फरवरी। मशहूर उर्दू कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य को 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को इस आशय की घोषणा की।

ज्ञानपीठ चयन समिति ने एक बयान में कहा, ‘यह पुरस्कार (2023 के लिए) दो भाषाओं के प्रतिष्ठित लेखकों को देने का निर्णय लिया गया है – संस्कृत साहित्यकार जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार।’ वर्ष 2022 के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार गोवा के लेखक दामोदर मावजो को दिया गया।

उर्दू के बेहतरीन कवियों में शुमार हैं गुलजार

हिन्दी सिनेमा के जाने-माने गीतकार गुलजार वर्तमान समय के बेहतरीन उर्दू कवियों में शुमार हैं। उन्हें उर्दू में अपने कार्य के लिए 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।

तुलसी पीठ के संस्थापक हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य

वहीं चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिन्दू आध्यात्मिक गुरु, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।

क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार

यह भारत का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। यह पुरस्कार पहली बार 1965 में मलयालम कवि जी. शंकर कुरुप को उनके कविता संग्रह ओडक्कुझल के लिए दिया गया था। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले व्यक्ति को 11 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इसके अलावा प्रशस्ति पत्र के साथ ही वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा भी दी जाती है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code