जीतनराम मांझी ने राहुल गांधी को देशद्रोही करार दिया, बोले – मुकदमा दर्ज कर रद की जाए उनकी संसद सदस्यता
नई दिल्ली, 12 सितम्बर। गिरिराज सिंह के बाद नरेंद्र मोदी सरकार में एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने भी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अमेरिका में दिए गए देश विरोधी बयानों के लिए उन्होंने देशद्रोही करार दिया है।
जीतन राम मांझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी बात रखते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए और उनकी संसद सदस्यता भी रद कर दिया जाना चाहिए। इससे पहले केंद्रीय कपड़ा मंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने भी राहुल गांधी के अमेरिका वाले बयान को लेकर लोकसभा से उनकी सदस्यता रद कर देने की मांग की थी।
जीतनराम मांझी ने X पर कहा, ‘कोई भी देशभक्त विदेशी धरती पर जाकर जनता की चुनी गई सरकार पर अभद्र टिप्पणी नहीं कर सकता। राहुल गांधी जी का बयान एक देशद्रोही का बयान है। उनके ऊपर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। रही बात आरक्षण की तो नरेंद्र मोदी के रहते किसी राहुल गांधी की हैसियत नहीं कि देश से आरक्षण खत्म कर दे।’
मांझी ने कहा, ‘राहुल गांधी संसद में विपक्ष के नेता हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं हुआ कि वह भारत के विपक्ष के नेता हो गए। हम लोग देश में अलग अलग एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं और परस्पर विरोधी हैं। लेकिन देश के बाहर राष्ट्र के सवाल पर सभी एक साथ हैं। वह इसे क्यों नहीं समझते। आखिर देश के बाहर भारत को नीचा दिखा कर वे क्या दिखाना चाहते हैं। ऐसा कोई भी नेता भारत का नेता कैसे हो सकता है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसीलिए कहा कि उनपर मुकदमा किया जाए और संसद से उनकी सदस्यता भी खत्म किया जाए।’
इससे पहले गिरिराज सिंह ने विदेश की धरती पर राहुल गांधी के बयान और इलहान उमर के साथ तस्वीर पर तीखा हमला बोला था। एक न्यूज चैनल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि जो इलिहान भारत के खिलाफ जहर उगलता है, उससे मिलते हैं। देश में भी उनका यही हाल रहता है। यहा खालिद अंसारी से मिलते हैं। जब भी विदेश जाते हैं तो भारत के खिलाफ ही बोलते हैं।’
गिरिराज सिंह ने कहा था, ‘राहुल गांधी ने इस बार तो हद कर दी। इनके प्रेस कॉन्फ्रेंस में जितने लोग बैठ थे, वे सारे वही टूल किट थे, जो भारत के खिलाफ साजिश करते हैं। समय आ गया है कि अब देश के बाहर कोई भी व्यक्ति चाहे सांसद, मंत्री हो या सामान्य नागरिक हो, भारत के खिलाफ बोलने की हिमाकत करे तो उसपर कानूनी काररवाई की जानी चाहिए। राहुल गांधी की सदस्यता ही समाप्त कर देना चाहिए।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1976 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और एक सांसद ने केवल इंदिरा गांधी का नाम लिया तो सदन में प्रस्ताव लाकर सदस्यता खत्म कर दी गई। एक आतंकवादी के लिए देश में अदालत का दरवाजा खुलता है। उस मजबूत लोकतंत्र को गाली राहुल गांधी गाली दे रहे हैं। ये केवल भारत विरोधी ताकतों से ही मिलते हैं।