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राज्यसभा में बोले जयंत चौधरी – जमीन की आवाज को समझने वाली सरकार ही ‘धरतीपुत्र’ को दे सकती है ‘भारत रत्न’

राज्यसभा में बोले जयंत चौधरी – जमीन की आवाज को समझने वाली सरकार ही ‘धरतीपुत्र’ को दे सकती है ‘भारत रत्न’

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नई दिल्ली, 10 फरवरी। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत सिंह ने शनिवार को कहा कि ‘धरतीपुत्र’ चौधरी चरण सिंह को ‘भारत रत्न’ देने भर से किसानों की समस्याओं व उनकी चुनौतियों का समाधान नहीं निकलता है, लेकिन इससे आने वाले सालों में झोपड़ियों में पैदा होने वाले व्यक्ति को भी चौधरी चरण सिंह बनने, ‘भारत रत्न पा सकने और अपनी समस्याओं के समाधान करने का हौसला जरूर मिलेगा।

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के फैसले पर राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए उन्होंने इसे देश के किसानों व वंचित समाज को सशक्त करने वाला फैसला करार दिया और कहा कि मौजूदा सरकार की कार्यशैली में भी चरण सिंह के विचारों की झलक है और एक ‘जमीनी सरकार’ ही ‘धरतीपुत्र’ को भारत रत्न दे सकती है। जयंत सिंह, चौधरी चरण सिंह के पोते हैं।

सत्ता पक्ष की ओर खड़े होकर अपनी बात रखते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी साहब को भारत देने का फैसला ‘बहुत बड़ा’ है, जिससे वह तो प्रसन्न हैं ही, सभापति जगदीप धनखड़ भी व्यक्तिगत तौर पर ‘गदगद’ होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह भाव सदन तक सीमित नहीं है। देश के हर कोने में इस निर्णय की गूंज पहुंची है और गांव-गांव में दिवाली मनाई गई है…यहां तक कि कनॉट प्लेस में भी किसानों ने गुड़ और मिठाइयां बांटकर अपनी खुशी का इजहार किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह फैसला सिर्फ चौधरी चरण सिंह के परिवार तक सीमित नहीं है बल्कि देश का किसान और वंचित समाज का व्यक्ति जो आज भी मुख्यधारा में नहीं है, उनको सशक्त करने वाला फैसला है।’’ जयंत चौधरी जब अपनी बात रख रहे थे तब कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उन्हें किस नियम के तहत बोलने का अवसर दिया गया।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिन भी शख्सियतों को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है उस पर कोई वाद-विवाद नहीं है लेकिन किस नियम के अधीन जयंत चौधरी को बोलने का मौका दिया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सदस्य नियमों के अधीन भी मुद्दा उठाना चाहते हैं तो उन्हें ‘चुप’ करा दिया जाता है।

उन्होंने आसन के व्यवहार पर सवाल उठाए, जिस पर सभापति धनखड़ ने गहरी आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे उन्हें बहुत ठेस पहुंची है। सभापति ने सदन को बताया कि जयंत चौधरी ने सुबह उन्हें एक पत्र लिखा था कि वह चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर सदन में ‘कुछ’ बोलना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी चरण सिंह के पोते हैं इसलिए उन्होंने उन्हें बोलने का मौका दिया। इस मुद्दे पर सदन में कुछ देर अव्यवस्था का माहौल रहा।

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