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जम्मू-कश्मीर : उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और भाजपा विधायक के बीच नोकझोंक, विधानसभा में हंगामा

जम्मू-कश्मीर : उप मुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और भाजपा विधायक के बीच नोकझोंक, विधानसभा में हंगामा

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श्रीनगर, 27 अक्टूबर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण में देरी को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा सदस्यों ने अपने एक विधायक के खिलाफ उपमुख्यमंत्री की टिप्पणी पर आपत्ति जताई।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पुराने एसआरटीसी यार्ड में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण में देरी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए चौधरी ने कहा कि परियोजना सड़क एवं भवन (आरएंडबी) विभाग द्वारा चलाई जा रही है, इस पर शहरी व स्थानीय निकाय (यूएलबी) विभाग से प्रश्न किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक कोई जवाब नहीं मिला है, सरकार ने पिछले साल अगस्त में चिंताओं को दूर करने के लिए यूएलबी निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया था।

उन्होंने एक लिखित उत्तर में कहा, “जैसे ही एच एंड यूडीडी (आवास एवं शहरी विकास विभाग) आरएंडबी विभाग के अवलोकनों पर प्रतिक्रिया देगा, वित्तीय कोड और जीएचआर (मैनुअल ऑफ वर्क्स) के अनुरूप परियोजना पर कार्य शुरू किया जाएगा।” विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने समिति द्वारा रिपोर्ट जमा करने में हुई लंबी देरी पर उपमुख्यमंत्री से सवाल किया। राठेर ने यह भी कहा कि जिन लोगों पर लापरवाही के आरोप हैं, उन्हें ही जांच समिति का सदस्य बनाया गया है।

मौका भांपते हुए भाजपा के विधायक राजीव जसरोटिया ने सरकार को घेरने की कोशिश की, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ये लापरवाही उस समय हुई जब वर्तमान निर्वाचित सरकार ने कार्यभार नहीं संभाला था। नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार बनने से पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन था और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशासन चला रहे थे।

चौधरी ने जसरोटिया को जवाब देते हुए कहा, “अगर मैं सच बोलना शुरू कर दूं तो आपको छिपने की जगह नहीं मिलेगी। मुझे डराने की कोशिश मत करो, मैं डरने वालों में से नहीं हूं। ज्यादा बात मत करो।” इससे भाजपा नेताओं का गुस्सा भड़क उठा और तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। सत्तापक्ष ने शुक्रवार के राज्यसभा चुनाव के दौरान विधानसभा में भाजपा को उसके संख्या बल की तुलना में चार वोट अधिक मिलने की ओर इशारा करते हुए पार्टी के खिलाफ “वोट चोर” के नारे लगाए। विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद विधानसभा में सामान्य कार्यवाही बहाल हुई।

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