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हमसे आगे निकला पड़ोसी : प्रति व्यक्ति आय के मामले में बांग्लादेश से पिछड़ा भारत

हमसे आगे निकला पड़ोसी : प्रति व्यक्ति आय के मामले में बांग्लादेश से पिछड़ा भारत

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नई दिल्ली, 21 मई। आधी सदी पूर्व पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापित बांग्लादेश प्राकृतिक आपदाओं सहित तमाम चुनौतियों के बावजूद लगातार आगे बढ़ रहा है और इसका ताजा उदाहरण यह है कि उसने प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी अपने निकटतम पड़ोसी भारत को पीछे छोड़ दिया है।

बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति आय 2,227 डॉलर, भारत में 1,947 डॉलर

बांग्लादेश के योजना मंत्री एम.ए. मन्नान के अनुसार देश में प्रति व्यक्ति आय 2,064 डॉलर से बढ़कर 2,227 डॉलर हो गई है। मन्नान ने यह आंकड़ा प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ हुई कैबिनेट बैठक में रखा। शेख हसीना इस बैठक में वर्चुअली शामिल हुई थीं।

इधर भारत में मौजूदा आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति आय 1,947 डॉलर है। यह बांग्लादेश से 280 डॉलर कम है।

बांग्लादेश के कैबिनेट सचिव खान्दकर अनवारुल इस्लाम ने गत सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘वित्तीय वर्ष 2020-21 में बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति 2,227 डॉलर है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 2,064 डॉलर थी। इसमें नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’

आजादी के वक्त दुनिया के गरीब देशों में होती थी बांग्लादेश की गिनती

गौरतलब है कि पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश (पूर्वी पाकिस्तान) वहां का सबसे गरीब क्षेत्र हुआ करता था। 1971 में स्वतंत्रता के बाद भी वह भीषण गरीबी में रहा। बांग्लादेश का जनघनत्व भी भारत की तुलना में ज्यादा है। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं से भी वह परेशान रहा है।

लेकिन इन सब चुनौतियों के बावजूद बांग्लादेश आगे बढ़ता गया। सही मायने में वर्ष 2006 के बाद से बांग्लादेश की तकदीर बदलने लगी और विकास की रेस में वह पाकिस्तान से आगे निकल गया। अब वह अर्थव्यवस्था के कई मामलों में भारत की बराबरी करता या आगे निकलता नजर आ रहा है।

2007 में भारत से आधी थी बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति आय

वर्ष 2007 में बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति आय भारत से आधी थी। हालांकि आईएमएफ ने हालिया वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक में अनुमान लगाया था कि बांग्लादेश प्रति व्यक्ति आय में भारत को पीछे छोड़ देगा। लेकिन यह अनुमान वर्ष 2025 के लिए था।

भारत के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने हालांकि इस तुलना को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों आंकड़ों की तुलना नहीं की जा सकती। मार्केट एक्सचेंज रेट दोनों देशों का एक नहीं है और इसी वजह से दोनों देशों में महंगाई दर भी अलग होती है। डॉलर की कीमत भी दोनों देशों में अलग-अलग है।

खाद्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है बांग्लादेश

फिलहाल अधिकतर विश्लेषक ये बात मानते हैं कि बांग्लादेश ने कई आर्थिक-सामाजिक पैमानों पर तरक्की की है। 1974 में भयानक अकाल के बाद 16.6 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाला बांग्लादेश खाद्य उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बन चुका है। बांग्लादेश में अब भी बड़ी संख्या में लोग गरीबी में जीवन बसर कर रहे हैं, लेकिन विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 1.25 डॉलर में अपना जीवन चलाने वाले लोग 2019 में नौ फीसदी ही रह गए थे।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बांग्लादेश तेजी से प्रगति कर रहा है. कपड़ा उद्योग में वह चीन के बाद दूसरे नंबर पर है। बीते एक दशक में बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था औसतन छह प्रतिशत की वार्षिक दर से आगे बढ़ी है। वर्ष 2018 जून महीने में यह वृद्धि दर 7.86 फीसदी तक पहुंच गई थी।

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