अशरफ गनी बोले – ‘मुल्क को खून-खराबे से बचाने के लिए मैंने अफगानिस्तान छोड़ा’
काबुल, 16 अगस्त। अफगानिस्तान पर इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे की खबर के बीच रविवार को गुपचुप तरीके से देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा है कि मुल्क को खून-खराबे से बचाने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया।
गौरतलब है कि मुश्किल वक्त में देश छोड़कर भागने के लिए अशरफ गनी की आलोचना हो रही है। भारत स्थित दूतावास से भी उनके खिलाफ ट्वीट किए गए थे, जिन्हें बाद में डिलीट कर दिया गया। गनी ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वह इसलिए अफगानिस्तान से भागे ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े।
अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए अब तालिबान जिम्मेदार
अशरफ गनी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि यदि वह अफगानिस्तान में रुके रहते तो बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते। ऐसे में वहां असंख्य लोगों की जान जाती। साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता। इसलिए उन्होंने देश छोड़ने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अब तालिबान जीत चुका है। वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।
गनी ने लिखा है कि तालिबान एक ऐतिहासिक टेस्ट का सामना कर रहा है। अब या तो वो अफगानिस्तान के नाम और सम्मान को बचाएंगे अथवा अन्य जगहों और नेटवर्क को वरीयता देंगे।
गनी के तजिकिस्तान में होने की अटकलें
हालांकि अशरफ गनी ने अपनी पोस्ट में यह नहीं बताया कि फिलहाल वह कहां पर हैं। लेकिन प्रमुख अफगान मीडिया ग्रुप टोलो न्यूज के मुताबिक गनी तजिकिस्तान गए हैं। इससे पूर्व शांति प्रक्रिया के प्रमुख अब्दुल्ला-अब्दुल्ला ने अफगानिस्तान को इस हालात में पहुंचाने के लिए अशरफ गनी को जिम्मेदार बताया था।
ज्ञातव्य है कि रविवार को तालिबान के काबुल में प्रवेश करने के साथ ही अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि अब सत्ता पलटने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स में पहले बताया गया कि अशरफ गनी जल्द ही इस्तीफा दे देंगे और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तालिबान के वार्ताकार राष्ट्रपति भवन जा रहे हैं। फिलहाल कुछ देर में यह रिपोर्ट जारी हुई कि अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं।