भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 8 प्रतिशत बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये के पार
नई दिल्ली, 19 दिसम्बर। भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अब तक (17 दिसम्बर) आठ प्रतिशत बढ़कर 17.04 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया कि सरकार का कुल सकल कर संग्रह इस वर्ष एक अप्रैल से लेकर 17 दिसम्बर तक 20.01 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसमें सालाना आधार पर चार प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
चालू वित्त वर्ष में अब तक 2.97 लाख करोड़ रुपये का रिफंड
आयकर विभाग के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अब तक 2.97 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है। इसमें सालाना आधार पर 13.52 प्रतिशत की गिरावट आई है। शुद्ध प्रत्यक्ष कर में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 8.17 लाख करोड़ रुपये रही है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 7.39 लाख करोड़ रुपये था।
इसमें नॉन-कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 8.46 लाख करोड़ रुपये थी, जो कि एक वर्ष पहले समान अवधि में 7.96 लाख करोड़ रुपये थी। नॉन-कॉरपोरेट टैक्स में व्यक्तिगत कर और हिन्दू अविभाजित परिवारों से वसूले जाने वाले कर को शामिल किया जाता है।
समीक्षा अवधि में एसटीटी संग्रह बढ़कर 40,194.77 करोड़ रुपये
समीक्षा अवधि में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) संग्रह 40,194.77 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि में 40,114.02 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने 25.20 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है, जो कि सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ वित्त वर्ष 26 में सरकार को 78,000 करोड़ रुपये का एसटीटी संग्रह होने का अनुमान है।
नई कर प्रणाली के तहत छूट सीमा बढ़ाने के बावजूद कर संग्रह में वृद्धि
कर संग्रह में ऐसे समय पर इजाफा देखने को मिला है, जब आम बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई कर प्रणाली के तहत कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया था। इससे बड़ी संख्या में आयकर दाताओं को राहत मिली है।
