भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.03 अरब डॉलर बढ़ा, गोल्ड रिजर्व में भी मजबूती
नई दिल्ली, 12 दिसम्बर। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को बताया कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 5 दिसम्बर को समाप्त हुए सप्ताह में 1.03 अरब डॉलर बढ़कर 687.26 अरब डॉलर हो गया।
केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस सप्ताह सोने का भंडार (गोल्ड रिजर्व) भी 1.188 अरब डॉलर बढ़कर 106.984 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वहीं, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर) में 93 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह बढ़कर 18.721 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई की विदेशी मुद्रा बाजार पर लगातार नजर
उल्लेखनीय है कि आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करता है, ताकि बाजार की स्थिरता बनी रहे।
इस वर्ष भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। सरकार द्वारा संसद को इस महीने की शुरुआत में दी गई जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2025) में कुल एफडीआई प्रवाह 50.36 अरब डॉलर रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (43.37 अरब डॉलर) की तुलना में 16% अधिक है। यह किसी भी वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
कुल एफडीआई 18% बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में भारत का कुल एफडीआई प्रवाह 34 अरब डॉलर से अधिक था, जो बढ़कर 2024-25 में 80 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में भी एफडीआई प्रवाह मजबूत रहा। अप्रैल से सितम्बर 2025 के दौरान कुल एफडीआई 18% बढ़कर 35.18 अरब डॉलर हो गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेट एफडीआई प्रवाह में हालिया बढ़ोतरी का कारण भारतीय कम्पनियों का विदेशी बाजारों में निवेश बढ़ना और पुनर्निवेश जैसे कारक हैं। यह रुझान दर्शाता है कि भारत न केवल विदेशी पूंजी आकर्षित कर रहा है, बल्कि निवेशकों को मजबूत रिटर्न भी दे रहा है, जिससे भारत एक विश्वसनीय निवेश गंतव्य के रूप में उभर रहा है।
सरकार ने व्यापार विविधीकरण बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) का भी प्रभावी उपयोग किया है। भारत अब तक 15 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (एफटीए) और 6 प्रेफरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट्स (पीटीए) पर हस्ताक्षर कर चुका है।
