1. Home
  2. हिन्दी
  3. खेल
  4. भारत की बेटियों ने रचा इतिहास : एक माह के भीतर देश ने जीता दूसरा विश्व कप, अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप चैम्पियन
भारत की बेटियों ने रचा इतिहास : एक माह के भीतर देश ने जीता दूसरा विश्व कप, अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप चैम्पियन

भारत की बेटियों ने रचा इतिहास : एक माह के भीतर देश ने जीता दूसरा विश्व कप, अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप चैम्पियन

0
Social Share

नई दिल्ली, 23 नवम्बर। भारत की बेटियों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस क्रम में ICC महिला विश्व कप जीतने के 20 दिनों बाद ही देश ने अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप पर भी अधिकार कर लिया है। रविवार को कोलंबो में खेले गए प्रतियोगिता के पहले संस्करण के फाइनल में भारतीय महिलाओं ने नेपाल को सात विकेट से हराकर श्रेष्ठता सिद्ध की। उल्लेखनीय है कि भारत ने गत दो नवम्बर को नवी मुंबई में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार ICC महिला विश्व कप जीता था।

भारत और श्रीलंका की सह-मेजबानी में आयोजित ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप का फाइनल श्रीलंका के सबसे पुराने टेस्ट आयोजन स्थल पी. सरवणमुत्तू स्टेडियम में खेला गया। पहले बल्लेबाजी पर बाध्य नेपाली टीम पांच विकेट पर 114 रनों तक ही पहुंच सकी। जवाब में भारत ने 12 ओवरों में तीन विकेट पर 117 रन बनाकर टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए चैम्पियन का श्रेय अर्जित किया।

भारत की तरफ से फुला सरेन सर्वोच्च स्कोरर (44 रन, 27 गेंद) रहीं जबकि नेपाल की सरिता घिमिरे ने सबसे ज्यादा 35 रन (38 गेंद) बनाए। इस उद्घाटन टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी टीमें भी शामिल थीं।

इस प्रकार होता है ब्लाइंड क्रिकेट का ढांचा

ब्लाइंड क्रिकेट एक खास तरह का खेल है। इसमें एक सफेद प्लास्टिक की गेंद का इस्तेमाल होता है, जिसके अंदर बॉल बेयरिंग भरे होते हैं। जब गेंद लुढ़कती है तो उसमें से खड़खड़ाहट की आवाज आती है, जिससे खिलाड़ी उसे सुन पाते हैं। गेंदबाज को बल्लेबाज से पूछना होता है कि क्या वह तैयार है। फिर गेंद फेंकते समय “प्ले” चिल्लाना होता है। गेंद को कम से कम एक बार उछालकर अंडरआर्म फेंका जाता है।

नियमित क्रिकेट की तरह ब्लाइंड क्रिकेट में भी हर टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। लेकिन इसमें कम से कम चार खिलाड़ी पूरी तरह से नेत्रहीन होने चाहिए। खेल में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी खिलाड़ियों को आंखों पर पट्टी बांधना अनिवार्य होता है। फील्डर अपनी स्थिति बताने के लिए एक बार ताली बजाते हैं। बाकी खिलाड़ी आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हो सकते हैं। उन्हें उनकी देखने की क्षमता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। B2 श्रेणी के खिलाड़ियों के लिए यह दूरी दो मीटर होती है, और B3 श्रेणी के लिए छह मीटर। हर टीम में अधिकतम आठ B1 (पूरी तरह से नेत्रहीन) खिलाड़ी हो सकते हैं। खास बात यह है कि B1 खिलाड़ी द्वारा बनाए गए हर रन को दोगुना गिना जाता है।

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code