भारत की बेटियों ने रचा इतिहास : एक माह के भीतर देश ने जीता दूसरा विश्व कप, अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप चैम्पियन
नई दिल्ली, 23 नवम्बर। भारत की बेटियों ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस क्रम में ICC महिला विश्व कप जीतने के 20 दिनों बाद ही देश ने अब ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप पर भी अधिकार कर लिया है। रविवार को कोलंबो में खेले गए प्रतियोगिता के पहले संस्करण के फाइनल में भारतीय महिलाओं ने नेपाल को सात विकेट से हराकर श्रेष्ठता सिद्ध की। उल्लेखनीय है कि भारत ने गत दो नवम्बर को नवी मुंबई में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार ICC महिला विश्व कप जीता था।
THE ICONIC CELEBRATION BY GIRLS! 🏆💥pic.twitter.com/LkbAk0rn9P https://t.co/AD2r0cLW4X
— The Khel India (@TheKhelIndia) November 23, 2025
भारत और श्रीलंका की सह-मेजबानी में आयोजित ब्लाइंड महिला टी20 विश्व कप का फाइनल श्रीलंका के सबसे पुराने टेस्ट आयोजन स्थल पी. सरवणमुत्तू स्टेडियम में खेला गया। पहले बल्लेबाजी पर बाध्य नेपाली टीम पांच विकेट पर 114 रनों तक ही पहुंच सकी। जवाब में भारत ने 12 ओवरों में तीन विकेट पर 117 रन बनाकर टूर्नामेंट में अजेय रहते हुए चैम्पियन का श्रेय अर्जित किया।
भारत की तरफ से फुला सरेन सर्वोच्च स्कोरर (44 रन, 27 गेंद) रहीं जबकि नेपाल की सरिता घिमिरे ने सबसे ज्यादा 35 रन (38 गेंद) बनाए। इस उद्घाटन टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी टीमें भी शामिल थीं।
इस प्रकार होता है ब्लाइंड क्रिकेट का ढांचा
ब्लाइंड क्रिकेट एक खास तरह का खेल है। इसमें एक सफेद प्लास्टिक की गेंद का इस्तेमाल होता है, जिसके अंदर बॉल बेयरिंग भरे होते हैं। जब गेंद लुढ़कती है तो उसमें से खड़खड़ाहट की आवाज आती है, जिससे खिलाड़ी उसे सुन पाते हैं। गेंदबाज को बल्लेबाज से पूछना होता है कि क्या वह तैयार है। फिर गेंद फेंकते समय “प्ले” चिल्लाना होता है। गेंद को कम से कम एक बार उछालकर अंडरआर्म फेंका जाता है।
बेटियों ने बढ़ाया देश का मान 🇮🇳
भारत की दिव्यांग महिला क्रिकेट टीम को कोलंबो में खेले जा रहे, T20 Blind Women’s Cricket World Cup 2025 जीतने पर हार्दिक बधाई।
आपकी दृढ़ इच्छाशक्ति, संघर्ष और team spirit हर देशवासी के लिए प्रेरणीय है। pic.twitter.com/O4fI56QaKF
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 23, 2025
नियमित क्रिकेट की तरह ब्लाइंड क्रिकेट में भी हर टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं। लेकिन इसमें कम से कम चार खिलाड़ी पूरी तरह से नेत्रहीन होने चाहिए। खेल में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए सभी खिलाड़ियों को आंखों पर पट्टी बांधना अनिवार्य होता है। फील्डर अपनी स्थिति बताने के लिए एक बार ताली बजाते हैं। बाकी खिलाड़ी आंशिक रूप से दृष्टिबाधित हो सकते हैं। उन्हें उनकी देखने की क्षमता के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। B2 श्रेणी के खिलाड़ियों के लिए यह दूरी दो मीटर होती है, और B3 श्रेणी के लिए छह मीटर। हर टीम में अधिकतम आठ B1 (पूरी तरह से नेत्रहीन) खिलाड़ी हो सकते हैं। खास बात यह है कि B1 खिलाड़ी द्वारा बनाए गए हर रन को दोगुना गिना जाता है।
