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भारतीय फार्मा सेक्टर में 8 प्रतिशत की वृद्धि, 2024 में निर्यात दरों में 9 प्रतिशत की उछाल : रिपोर्ट

भारतीय फार्मा सेक्टर में 8 प्रतिशत की वृद्धि, 2024 में निर्यात दरों में 9 प्रतिशत की उछाल : रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 28 फ़रवरी।  एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फार्मा सेक्टर में 8 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि हुई है और 2024 में निर्यात दरों में भी 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मैकिन्से एंड कंपनी की रिपोर्ट से पता चला है कि देश में फार्मा सेक्टर में तेजी से उत्पादन में वृद्धि देखी जा रही है। एपीआई और बायो टेक्नोलॉजी में अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए सेक्टर 8 प्रतिशत सीएजीआर की दर से बढ़ा है, जो वैश्विक औसत से दोगुना है।

भारत बना जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश जेनेरिक दवाओं का दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर भी बन गया है, जिसकी फार्मा निर्यात वृद्धि दर 9 प्रतिशत है, जो वैश्विक औसत से लगभग दोगुनी है। वर्तमान में भारत वैश्विक मांग का 20 प्रतिशत पूरा करता है। इसमें अमेरिका को सप्लाई की जाने वाली 40 प्रतिशत से अधिक जेनेरिक दवाएं और यूके को 25 प्रतिशत शामिल है।

भारत एमआरएनए, सेल और जीन थेरेपी और एंटीबॉडी के मामले में भी आगे बढ़ रहा है

भारत दुनिया के 60 प्रतिशत से अधिक टीकों और एचआईवी उपचार के लिए वैश्विक एंटी-रेट्रोवायरल दवाओं का 70 प्रतिशत भी सप्लाई करता है। इसके अलावा रिपोर्ट से पता चला है कि भारत एमआरएनए, सेल और जीन थेरेपी और एंटीबॉडी के मामले में भी आगे बढ़ रहा है।

भारत में फार्मा सेक्टर ने यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) रजिस्टर्ड जेनेरिक मैन्युफैक्चरिंग साइट की संख्या में वृद्धि देखी है। भारत में 2024 में 752 एफडीए अप्रूव्ड, 2,050 डब्ल्यूएचओ जीएमपी सर्टिफाइड और 286 ईडीक्यूएम अप्रूव्ड प्लांट का नेटवर्क था।

पिछले कई वर्षों में अनुपालन परिणामों में तेजी से सुधार

पिछले कई वर्षों में अनुपालन परिणामों में तेज सुधार हुआ है। यूएसएफडीए निरीक्षणों के बाद ‘ऑफिशियल एक्शन इंडीकेटर’ (ओएआई) की घटनाओं में 2013-14 और 2023-24 के बीच 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। फार्मा सेक्टर में भी ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग पहल में उछाल देखा गया है, जिसमें भारत की टॉप 20 फार्मा कंपनियों में से 10 ने 2030 तक 30 प्रतिशत से अधिक उत्सर्जन में कमी लाने का संकल्प लिया है।

डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्मार्ट ऑटोमेशन और नए उपचार के तरीकों को नया रूप दे सकते हैं

इन प्रगति के बावजूद उद्योग को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, स्मार्ट ऑटोमेशन और नए उपचार के तरीकों जैसे व्यवधान फार्मास्युटिकल संचालन को नया रूप दे सकते हैं। मैकिन्से एंड कंपनी के पार्टनर विष्णुकांत पिट्टी ने कहा, “भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग ने पिछले एक दशक में जो कुछ भी बनाया है, उसकी बदौलत आज मजबूत है।”

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