पेरिस 2024 ओलम्पिक में भारतीय अभियान का समापन, एक रजत सहित छह पदक हिस्से में आए
पेरिस, 10 अगस्त। पेरिस 2024 ओलम्पिक के समापन की पूर्व संध्या यानी पदक स्पर्धाओं के 15वें दिन शनिवार को भारतीय अभियान का समापन हो गया। 26 जुलाई से 11 अगस्त तक आयोजित खेलों के इस महाकुंभ में प्रतिभाग करने वाले 117 खिलाड़ियों को भारतीय दल ने लगभग एक पखवारे की कश्मकश में एक रजत व पांच कांस्य सहित छह पदक जीते, जिनमें झज्जर की होनहार शूटर मनु भाकर के ऐतिहासिक दो कांस्य पदक भी शामिल रहे।
🇮🇳🙌 𝗕𝗿𝗶𝗻𝗴𝗶𝗻𝗴 𝗽𝗿𝗶𝗱𝗲 𝘁𝗼 𝗼𝘂𝗿 𝗻𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻! Aman Sehrawat wins India's sixth medal at #Paris2024 with a fantastic win over Darian Toi Cruz.
🥉 Here's a look at all of India's medallists at the Paris Olympics so far.@Media_SAI @WeAreTeamIndia@Paris2024
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 9, 2024
भारत को सातवें पदक की आस कुश्ती में रीतिका हुड्डा से थी
दरअसल, भारत को इन खेलों में अपने सातवें पदक की आस कुश्ती स्पर्धा में महिला पहलवान रीतिका हुड्डा से थी, जिन्होंने 76 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में जोर आजमाइश की थी। लेकिन क्वार्टर फाइनल में हार के बाद रेपचेज के जरिए कांस्य पदक मैच में खेलने का मौका हाथ से जाते ही उनकी भी चुनौती समाप्त हो गई। वहीं महिला गोल्फ मुकाबलों में अदिति अशोक व दीक्षा डागर ने क्रमशः T29 व T49 पर रहते हुए अपने अभियान का समापन किया।
रीतिका क्वार्टर फाइनल में किर्गिस्तान की एपेरी मेडेट काइजी से हारी थीं
21 वर्षीया रीतिका ने राउंड ऑफ 16 में शानदार प्रदर्शन करते हुए हंगरी की नेगी बी को 12-2 से टेक्निकल सुपीरियरिटी से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई, जहां वह विश्व नंबर एक किर्गिस्तान की एपेरी मेडेट काइजी से हार गईं। हालांकि यह कड़ा मुकाबला 1-1 से ड्रॉ रहा, लेकिन अंत में उन्हें पैसिबिटी नियम के कारण हार का सामना करना पड़ा।
काइजी के सेमीफाइनल में हारते ही रीतिका की उम्मीदें खत्म
क्वार्टर फाइनल में हार के बावजूद रीतिका के पास रेपेचेज के जरिए कांस्य मेडल मैच खेलने का मौका था, बर्शते एपेरी मेडेट काइजी फाइनल में जगह बनाने में सफल होती। फिलहाल सायंकालीन सत्र में खेले गए सेमीफाइनल काइजी को अमेरिकी पहलवान कैनेडी एलेक्सिस ब्लेड्स के खिलाफ 6-8 से हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही रीतिका की रेपचेज के जरिए कांस्य पदक मैच में उतरने की उम्मीदें खत्म हो गईं।
मनु भाकर ने खेलों के एक ही संस्करण में 2 पदक जीतकर रचा इतिहास
खैर, पेरिस 2024 में भारतीय अभियान की बात करें तो शूटर मनु भाकर ने खाता खोला था। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता और ओलम्पिक निशानेबाजी पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल कांस्य पदक जीतकर ओलम्पिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया। इसके बाद स्वप्निल कुसाले ने निशानेबाजी में तीसरा पदक जीता और इसके साथ ही भारत ओलम्पिक के एक ही संस्करण की किसी स्पर्धा में पहली बार तीन पदक जीतने में सफल हो गया।
नीरज चोपड़ा खिताब नहीं बचा सके, लेकिन इस बार इकलौता रजत जीता
रिकॉर्ड आठ बार की चैम्पियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीतकर टोक्यो 2020 की सफलता को दोहराया जबकि नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में भले ही टोक्यो2020 का स्वर्ण पदक गंवा बैठे, लेकिन वह रजत पदक जीतने के बाद देश के सबसे सफल व्यक्तिगत ओलम्पियन बन गए। वहीं अमन सेहरावत कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर भारत के सबसे कम उम्र ओलम्पिक पदक विजेता बन गए।
Always making sure that our Tiranga is soaring high, just like his javelin through the air. Carrying the weight of over a billion dreams, on his way to his second successive Olympic Medal. Neeraj Chopra 👏🏽👏🏽#JeetKaJashn | #Cheer4Bharat pic.twitter.com/dP8TxBZwOi
— Team India (@WeAreTeamIndia) August 9, 2024
भारतीय खिलाड़ी 6 संभावित पदकों से चूक गए
हालांकि, भारत पेरिस 2024 ओलम्पिक से खुशियों से ज्यादा दुख लेकर बाहर आया। भारत छह संभावित पदकों से चूक गया, जिनमें से ज़्यादातर पदक मामूली अंतर से चूक गए क्योंकि एथलीट अपने-अपने इवेंट में चौथे स्थान पर रहे। इसमें लक्ष्य सेन, मीराबाई चानू और मनु भाकर शामिल थे, जो खेलों में अपना तीसरा पदक जीत सकते थे। ऐतिहासिक फाइनल से पहले विनेश फोगट के अयोग्य घोषित होने से भी भारत की मुश्किलें बढ़ गईं।
टोक्यो 2020 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी नहीं कर सका भारत
कुल मिलाकर देखें तो भारत टोक्यो 2020 में किए गए ओलम्पिक इतिहास के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (एक स्वर्ण, दो रजत व चार कांस्य पदक) की बराबरी नहीं कर सका। हालांकि पेरिस 2024 में भारतीय खिलाड़ियों ने 16 खेलों – तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, नौकायन, पाल नौकायन, निशानेबाजी, तैराकी, कुश्ती, भारोत्तोलन, टेबल टेनिस और टेनिस – की कुल 69 पदक स्पर्धाओं में जोर आजमाइश की थी। ओलम्पिक खेलों के 33 संस्करणों में भारत ने अब तक 41 पदक जीते हैं। इनमें अकेले पुरुष हॉकी में जीते गए 13 पदक (आठ स्वर्ण, एक रजत व चार कांस्य) शामिल हैं।