पेरिस ओलम्पिक : भारत ने हॉकी में लगातार दूसरी बार जीता कांस्य पदक, स्पेन पर जीत में हरमनप्रीत ने ठोके दोनों गोल
पेरिस, 8 अगस्त। फाइनलिस्ट महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य करार दिए दाने के बाद उदास भारतीय ओलम्पिक दल को यहां पेरिस 2024 में गुरुवार को कुछ राहत मिली, जब रिकॉर्ड आठ बार की चैम्पियन भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मैच में पिछड़ने के बाद वापसी की और 2-1 की जीत से लगातार दूसरी बार ओलम्पिक कांस्य पर अधिकार कर लिया।
🥉 𝑽𝒊𝒄𝒕𝒐𝒓𝒚 𝑺𝒆𝒂𝒍𝒆𝒅 𝒊𝒏 𝑩𝒓𝒐𝒏𝒛𝒆: 𝑰𝒏𝒅𝒊𝒂’𝒔 𝑯𝒐𝒄𝒌𝒆𝒚 𝑻𝒆𝒂𝒎 𝑹𝒊𝒔𝒆𝒔 𝒕𝒐 𝒕𝒉𝒆 𝑶𝒄𝒄𝒂𝒔𝒊𝒐𝒏 ✨
Congratulations to the Indian Men's Hockey Team for clinching the bronze medal at #Paris2024. 🏑
A thrilling victory against Spain, showcasing true… pic.twitter.com/zt8mguCyig
— Odisha Sports (@sports_odisha) August 8, 2024
खेलों के मौजूदा संस्करण में भारत का चौथा पदक
पेरिस खेलों में भारतीय दल का यह चौथा पदक है। पिछले तीनों पदक भी मनु भाकर की अगुआई में निशानेबाजों ने कांस्य के रूप में दिलाए थे। हालांकि आज रात ही भारतीय झोली में स्वर्ण पदक भी आ सकता है, जब गत चैम्पियन भाला प्रक्षेपक नीरज चोपड़ा फाइनल में उतरेंगी।
🇮🇳🥉 𝗕𝗥𝗜𝗟𝗟𝗜𝗔𝗡𝗧 𝗕𝗥𝗢𝗡𝗭𝗘! Many congratulations to the men's hockey team on securing a second consecutive Olympic Bronze medal after previously winning it at 🇯🇵 Tokyo 2020.
🔥 The Indian men's hockey team last won back-to-back Bronze medals in the 1968 and 1972… pic.twitter.com/Yl4gQpj7vI
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 8, 2024
ओलम्पिक हॉकी में भारतीय पुरुषों का 13वां पदक
देखा जाए तो ओलम्पिक इतिहास की सर्वाधिक सफल भारतीय पुरुष टीम का यह 13वां पदक है। इनमें आठ स्वर्ण (1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964, 1980), एक रजत (1960) व चार कांस्य (1968, 1972, 2020, 2024) शामिल है। वैसे भारत ने 52 वर्षों बाद लगातार दूसरी बार पदक जीता। आठवीं व अंतिम बार मॉस्को 1980 में स्वर्ण जीतने से पहले भारतीय टीम ने 1968 मेक्सिको और म्यूनिख 1972 में कांस्य जीते थे।
🇮🇳 𝗜𝗻𝗱𝗶𝗮'𝘀 𝗵𝗼𝗰𝗸𝗲𝘆 𝘁𝗿𝗶𝘂𝗺𝗽𝗵𝘀! The Indian men's hockey team's triumph against Spain sees them bring home a fourth Olympic Bronze for India in hockey.
🏑 Here's a look at all of India's Olympic medals in men's hockey over the years.
👉 𝗙𝗼𝗹𝗹𝗼𝘄… pic.twitter.com/IqYop5T3Q8
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 8, 2024
भारतीय कप्तान ने 8 मैचों में 10 गोल ठोके
यवेस-डु-मनोइर स्टेडियम में टोक्यो 2020 के कांस्य पदक विजेता भारत के लिए दोनों गोल कप्तान हरमनप्रीत सिंह (30वां व 33वां मिनट) ने किए। ‘सरपंच साहब’ के नाम से लोकप्रिय हो चुके हरमनप्रीत ने मौजूदा संस्करण के आठ मैचों में अकेले 10 गोल ठोके। वहीं विश्व नंबर आठ स्पेन का, जिसने क्वार्टरफाइनल में गत चैम्पियन बेल्जियम को बाहर का रास्ता दिखा दिया था, इकलौता गोल कप्तान मार्क मिरालेस (18वां मिनट) ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर किया।
गौरतलब है कि बतौर कोच दक्षिण अफ्रीकी क्रेग फुल्टन के कुशल निर्देशन में उतरी विश्व नंबर पांच हरमनप्रीत एंड कम्पनी ने इस बार छह टीमों के पूल बी में दूसरे स्थान पर रहते हुए क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था, जहां उसने विश्व नंबर दो ग्रेट ब्रिटेन को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 (1-1) से हराकर सेमीफाइनल में कदम रखा। लेकिन जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल में 2-3 की संघर्षपूर्ण हार ने भारत का नौवें स्वर्ण पदक का सपना फिर तोड़ दिया।
L.E.G.E.N.D 🥉
What a special athlete, and what a special career. Congratulations to a fantastic career, @16Sreejesh. An absolute inspiration for everyone. 👏🏽👏🏽#JeetKiAur | #Cheer4Bharat pic.twitter.com/UFAWNJb4kU— Team India (@WeAreTeamIndia) August 8, 2024
भारतीयों ने गोली पीआर श्रीजेश को दी शानदार विदाई
खैर, भारतीय खिलाड़ियों ने आज स्पेन की चुनौती का पूरे दमखम से जवाब दिया और अंतरराष्ट्रीय करिअर का अंतिम मैच खेल रहे अनुभवी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को कांस्य पदक के तोहफे के रूप में शानदार विदाई दी। दूसरे क्वार्टर में एक गोल खाने के बाद रक्षापंक्ति के अपने साथी खिलाड़ियों के साथ श्रीजेश अभेद्य दीवार साबित हुए। श्रीजेश की अगुआई में रक्षापंक्ति ने स्पेन को मिले सभी 10 शॉर्ट कॉर्नर बेकार किए। वहीं भारत ने मिले छह पेनाल्टी कॉर्नर में चार जाया किए।
The Man. The Myth. The Legend. The G.O.A.T
P.R. Sreejesh finishes with a 🥉 in his final game! #ThankYouSreejesh #Paris2024 #Hockey #HockeyIndia pic.twitter.com/CCLZXKyy3y
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 8, 2024
पहले क्वार्टर में ज्यादा हलचल नहीं दिखी
नीदरलैंड्स व जर्मनी के बीच खेले जाने वाले फाइनल से पहले हुए कांस्य पदक मुकाबले की बात करें तो पहले क्वार्टर में ज्यादा हलचल देखने को नहीं मिली। हालांकि पहल भारत ने ली, जब विपक्षी पोस्ट के करीब सुखजीत सिंह का निशाना चूक गया। उधर जोस मारिया बैस्टेरा की नौवें मिनट की कोशिश भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने बेकार कर दी।
स्पेन ने ली पहल तो भारत ने मध्यांतर पूर्व की बराबरी
लेकिन दूसरे क्वार्टर में काफी गहमा गहमी देखने को मिली। स्पेन ने शुरुआती आक्रमण किया और 18वें मिनट में मार्क मिरालेस ने पेनाल्टी स्ट्रोक पर उसका खाता भी खोल दिया। इसके बाद यूरोपीय टीम ने त्वरित अंदाज में दो शॉर्ट कॉर्नर भी जाया किए।
उधर भारत ने जवाबी हमला बोला। पहले ललिल उपाध्याय की हिट विपक्षी गोली ने रोकी तो फिर हार्दिक सिंह स्पेनिश रक्षक को परास्त नहीं कर सके। इसी क्रम में 29वें व 30वें मिनट में भारत को पहले दोनों पेनाल्टी कॉर्नर मिले और दूसरे पर कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कोई चूक न करते हुए टीम को 1-1 की बराबरी दिला दी।
तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही हरमनप्रीत ने दिलाई निर्णायक बढ़त
भारत ने तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही आक्रामक रुख अपनाया और 33वें मिनट में ही हरमनप्रीत ने तीसरा शॉर्ट कॉर्नर भुनाने के साथ दल को 2-1 की बढ़त दिला दी। इसके बाद भारत ने तीन और स्पेन ने दो पेनाल्टी कार्नर जाया किए।
श्रीजेश एंड कम्पनी ने अंतिम क्षणों में स्पेन के 4 शॉर्ट कॉर्नर बेकार किए
अंतिम क्वार्टर में स्पेनिश टीम बराबरी के लिए व्यग्र दिखी और उसने हमलो की बौछार कर दी। इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है कि यूरोपीय दल ने अंतिम दो मिनटों में चार पेनाल्टी कॉर्नर अर्जित किए, लेकिन श्रीजेश व उनकी रक्षापक्ति अपना दुर्ग बचाने में सफल रही।
नीदरलैंड्स ने 24 वर्षों बाद जीता तीसरा स्वर्ण पदक
इस बीच विश्व नंबर एक नीदरलैंड्स ने देर रात खेले गए रोमांचक फाइनल में शूटआउट के जरिए जर्मनी को 3-1 (1-1) से हराया और 24 वर्षों बाद अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीता। इसके पूर्व डच टीम ने अटलांटा 1996 व सिडनी 2000 में खिताब जीते थे। वहीं मौजूदा विश्व चैम्पियन व चार बार के पूर्व ओलम्पिक खिताबधारी जर्मनी को चौथी बार रजत पदक से संतोष करना पड़ा। निर्धारित समय तक मुकाबला 1-1 से बराबरी पर रहने के बाद शूटआउट लागू किया गया, जिसमें नीदरलैंड्स ने 3-1 से जीत हासिल की।