PoJK में प्रदर्शनों पर भारत बोला – ‘पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का यह स्वाभाविक नतीजा’
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में जारी व्यापक प्रदर्शनों को, जिनमें अब तक दर्जनों लोगों की मौत की खबर है, पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन इलाकों के संसाधनों की संगठित लूट का स्वाभाविक नतीजा बताया है।
पाकिस्तान को भयानक मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए
विदेश मंत्रालय (एमएई) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं, जिनमें पाकिस्तानी बलों द्वारा निर्दोष नागरिकों पर किए गए अत्याचार भी शामिल है। पाकिस्तान को अपने भयानक मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग
भारत के रुख को दोहराते हुए, एमएई के प्रवक्ता ने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हमेशा भारत के अभिन्न अंग रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अविभाज्य हिस्सा हैं, रहेंगे और हमेशा रहेंगे। वे इलाके (पीओके) हमारे अविभाज्य हिस्से हैं।’
जेएएसी द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान शुरू हुईं झड़पें
भारत का यह बयान पीओके में चल रही हिंसक झड़पों के बाद आया है, जिसमें पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हो गए। यह झड़पें क्षेत्र में सुधार और सार्वजनिक सुविधाओं की मांग को लेकर ज्वॉइंट आवामी एक्शन कमेटी (जेएएसी) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान शुरू हुईं।
क्षेत्र में संचार बाधित होने के कारण व्यापार और अन्य गतिविधियां बंद
क्षेत्र में संचार बाधित होने के कारण पीओके में व्यापार और अन्य गतिविधियां बंद रहीं। धीरकोट और पीओके के अन्य हिस्सों में हिंसा की घटनाएं हुईं। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि झड़पों में 172 पुलिसकर्मी और 50 आम नागरिक घायल हुए हैं।
पाकिस्तानी दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने बताया कि जेएएसी के केंद्रीय नेता शौकत नवाज मीर द्वारा बंद की घोषणा के बाद मुजफ्फराबाद, मीरपुर, पुंछ, नीलम, भीमबर और पलांदरी इलाके पूरी तरह से बंद हो गए। खैबर-पख्तूनख्वा से सीमा साझा करने वाले इलाकों को छोड़कर मुजफ्फराबाद में बाजार बंद रहे, सड़कें बंद थीं और इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं। एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि धीरकोट में जेएएसी के हथियारबंद लोगों ने हमला किया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए।
जेएएसी कई मांगें कर रही थी, जिनमें सत्ताधारी वर्ग को मिलने वाले विशेषाधिकारों को खत्म करना, शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को खत्म करना और कोटा सिस्टम को हटाना शामिल था। इसके अलावा, समिति ने पूरे क्षेत्र में मुफ्त और समान शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं, क्षेत्र में न्यायपालिका में सुधार और एक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास की मांग की है।
पाकिस्तान सरकार और सेना पर स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने का आरोप
पीओके में आवामी एक्शन कमेटी के शीर्ष नेता शौकत नवाज मीर ने पाकिस्तान सरकार और सेना पर स्थानीय लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है और उन्हें अपनी ही जनता को मारने वाली बुरी शक्ति बताया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आम लोगों की आवाज दबाई जा रही है, मीडिया को चुप कराया जा रहा है और पाकिस्तानी सेना की वैधता पर सवाल उठाया है, जो ‘जिन लोगों का वह प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है, उन्हें ही मारती है’।
