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भारत ने अमित शाह के अरुणाचल दौरे पर खारिज कीं चीन की आपत्तियां, कहा – ‘यह देश का अभिन्न और अटूट हिस्सा’

भारत ने अमित शाह के अरुणाचल दौरे पर खारिज कीं चीन की आपत्तियां, कहा – ‘यह देश का अभिन्न और अटूट हिस्सा’

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नई दिल्ली, 11 अप्रैल। भारत ने गृह मंत्री अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन (China) की आपत्तियों को सिरे से खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि यह राज्य भारत का हमेशा अभिन्न और अटूट हिस्सा था और हमेशा रहेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसी यात्राओं पर आपत्ति जताने का कोई कारण नहीं है और ऐसा करने से वास्तविकता बदल नहीं जाएगी।

अरिंदम बागची ने कहा, ‘हम चीनी अधिकारियों की टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हैं। भारतीय नेता उसी तरह से नियमित रूप से अरूणाचल प्रदेश की यात्रा करते हैं, जैसे वे भारत के किसी दूसरे राज्य की करते हैं। अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा था और हमेशा रहेगा। ऐसी यात्राओं पर आपत्ति करने का कोई कारण नहीं है और ऐसा करने से वास्तविकता बदल नहीं जायेगी।’ बागची ने शाह की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया में यह बात कही।

अमित शाह ने ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम में चीन को दिया था स्पष्ट संदेश

गौरतलब है कि अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस दौरान उन्होंने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा था कि वह युग चला गया, जब भारत की सीमावर्ती भूमि पर कोई भी अतिक्रमण कर सकता था। उन्होंने कहा कि अब कोई इसकी क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर डालने का दुस्साहस नहीं कर सकता।

अमित शाह ने कहा था कि थलसेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पराक्रम ने सुनिश्चित किया है कि कोई भी भारत की सुई की नोंक भर भूमि तक का अतिक्रमण नहीं कर सकता। वहीं, चीन ने सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश के दौरे की आलोचना करते हुए कहा था कि इससे उस क्षेत्र पर चीनी संप्रभुता का उल्लंघन हुआ है।

इसके पूर्व पिछले सप्ताह भी भारत ने कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को सिरे से खारिज करते हुए दोहराया था कि यह राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है और ‘मनगढ़ंत’ नाम रखने से जमीनी हकीकत बदल नहीं जाएगी। अरिंदम बागची ने कहा था, ‘ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन ने ऐसा प्रयास किया हो और हम पहले की तरह इसे खारिज करते हैं।’

उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा था, है और रहेगा तथा ‘मनगढ़ंत’ गए नाम रखने से यह हकीकत बदल नहीं जाएगी। चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है। अरुणाचल में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में और 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी।

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