यूपी : वाराणसी में महिला थाना कोतवाली की प्रभारी और आरक्षी 10 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार
वाराणसी, 17 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एंटी करप्शन टीम ने कोतवाली स्थित महिला थाना की प्रभारी निरीक्षक और आरक्षी को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। शिकायकर्ता ने आरोप लगाया था कि मुकदमे से नाम हटाने के लिए उससे 20 हजार रुपये की मांग की गई थी।
मुकदमे से नाम हटाने के लिए 20 हजार रुपये की मांग की थी
एंटी करप्शन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि घूस के 10 हजार रुपये पहले और 10 हजार काम होने के बाद देने को कहा गया था। एंटी करप्शन की टीम ने 10 हजार रुपये घूस लेते महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी व आरक्षी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपितों के खिलाफ कैंट थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।
दहेज उत्पीड़न के मामले में दर्ज हुआ था केस
प्राप्त जानकारी के अनुसार भदोही के जलालपुर निवासी मेराज पुत्र इस्लाम ने एंटी करप्शन कार्यालय में शिकायत की थी। छोटे भाई की पत्नी रुकसार ने महिला थाने में 26 अगस्त को एक मुकदमा पंजीकृत कराया था. इसमें उन्होंने दहेज उत्पीड़न के मामले में विभिन्न धाराओं में उसके और उसके परिवार के 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया था। मेराज ने बताया कि मामले की जांच करने के लिए महिला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी गत 28 सितम्बर को उनके घर गई थीं।
परिवार के लोगों को धमकाया और रिश्वत मांगी
महिला थाना की प्रभारी निरीक्षक ने परिवार के सभी लोगों को जेल भेजने की धमकी दी। मेराज ने बताया कि 16 अक्टूबर को महिला थाना प्रभारी सुमित्रा देवी से मिला और उन्हें निर्दोष होने की बात कही। उन्होंने कहा कि तुम्हारा नाम जांच में हटा दिया जाएगा। इसके लिए तुम्हें 20 हजार रुपये देने होंगे। 10 हजार रुपये अभी और 10 हजार रुपये नाम हटाने के बाद देने होंगे।
एडवांस की रकम लेते ही गिरफ्तारी हुई
एंटी करप्शन की विज्ञप्ति में बताया गया कि एंटी करप्शन निरीक्षक संध्या सिंह के साथ शिकायतकर्ता महिला थाना प्रभारी सुमित्रा देवी के पास पहुंचा। वहां सुमित्रा देवी को 10 हजार रुपये घूस दी। पास में खड़ी महिला आरक्षी अर्चना राय को सुमित्रा देवी ने 10 हजार रुपया देने को कहा। साथ ही मुकदमे में से नाम हटाने की बात कही। सुमित्रा देवी के कहने पर जैसे ही महिला आरक्षी ने 10 हजार रुपये शिकायतकर्ता से लिए, तभी एंटी करप्शन टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को कैंट थाने ले जाकर आगे की कानूनी काररवाई की गई।
लखनऊ में कई वर्षों तक तैनाती के बाद वाराणसी में हुआ था ट्रांसफर
सुमित्रा देवी की बात करें तो वह प्रयागराज की रहने वाली हैं और 2010 बैच की अफसर हैं। वह 2010 से 2021 तक लखनऊ के विभिन्न थानों और चौकियों का कार्यभार संभाल चुकी हैं। उनका दो सितम्बर, 2021 को लखनऊ से वाराणसी ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद से वह वाराणसी महिला थाने की प्रभारी निरीक्षक की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। 28 सितम्बर, 2023 को सीएम योगी के आदेश के अनुसार सुमित्रा देवी को पुलिस आयुक्त वाराणसी की ओर से प्रभारी निरीक्षक राजातालाब के पद पर भेजा गया था और फिर वापस महिला थाने में इंस्पेक्टर बनाया गया था।
