नई दिल्ली, 9 फरवरी। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने आधार के महत्व को और बढ़ा दिया है। सेबी ने कुल 39 संस्थाओं की एक लिस्ट जारी की है, जो सब-केवाईसी उपयोगकर्ता एजेंसी के रूप में सिक्योरिटी मार्केट में ई-केवाईसी को आधार प्रमाणीकरण सेवाओं में रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं।
इन संस्थानों को किया गया है शामिल
गौरतलब है कि यह लिस्ट 2020 में जारी आठ संस्थाओं को सूचीबद्ध करने के बाद आई है, जो KYC उपयोगकर्ता एजेंसी के रूप में यूआईडीएआई की आधार प्रमाणीकरण सेवा शुरू कर सकती हैं। सब-केवाईसी उपयोगकर्ता एजेंसी के रूप में इस लिस्ट में बंग सिक्योरिटीज, एनजे इंडियाइन्वेस्ट और मुथूट सिक्योरिटीज सहित 39 संस्थान हैं। नियामक द्वारा सूचीबद्ध अन्य संस्थाओं में इंडबैंक मर्चेंट बैंकिंग सर्विसेज, ऑर्बिस फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन, इंडो मनी सिक्योरिटीज, एचएसबी सिक्योरिटीज एंड इक्विटीज, फ्लोरिश फिनकैप और वोग कमर्शियल कंपनी शामिल हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए बना है Sub-KUA
सेबी के सर्कुलर में कहा गया है कि संस्थाओं को इस तरह के लिस्ट में शामिल करने का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करना है। इसके लिए सनसे पहले उपर्युक्त संस्थाएं एक केयूए के साथ एक समझौता करेंगी, जिसमें वें खुद को यूआईडीएआई के साथ सब-केयूए के रूप में रजिस्टर्ड करवाएंगी। समझौता यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जिसमें सब-केयूए के रूप में इन संस्थाओं की ऑन-बोर्डिंग करवाई जाएगी।
NCS के लिए आए नियम
सेबी के सर्कुलर में निर्गम और गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों (NCS) के कुछ प्रावधानों के बारे में भी बताया गया है, जिसमें एक निश्चित परिपक्वता के लिए सुरक्षा जारी करने का प्रस्ताव है। साथ ही इसे इक्विटी और राइट-ऑफ विकल्प के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
कहा गया है कि NCS विनियमों को लिस्ट करने के लिए केवल कुछ प्रतिभूतियों की आवश्यकता होनी चाहिए और इन्हें गैर-इक्विटी विनियामक पूंजी के एक भाग के रूप में इश्यू किया जाना चाहिए।