गृह मंत्रालय ने दी जानकारी – पद्म पुरस्कारों के लिए 15 सितम्बर तक किए जा सकते हैं ऑनलाइन नामांकन
नई दिल्ली, 22 अगस्त। गणतंत्र दिवस के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2025 के लिए गत एक मई से जारी नामांकन/सिफारिश की अंतिम तारीख 15 सितम्बर निर्धारित की गई है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिश केवल राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। गृह मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान जारी कर इस आशय की जानकरी दी।
दरअसल, भारत सरकार पद्म पुरस्कारों को ‘पीपल्स पद्म’ बनाने के लिए कटिबद्ध है। इस निमित्त गृह मंत्रालय ने नागरिकों से निर्धारित तिथि के भीतर नामांकन/सिफारिशें करने का अनुरोध किया है। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation, अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो।
इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से संबंधित संविधि (statutes) और नियम वेबसाइट https://padmaawards.gov.in/AboutAwards.aspx पर उपलब्ध हैं।
समाज के भिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा के लिए दिए जाते हैं पद्म पुरस्कार
उल्लेखनीय है कि पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं।
पद्म पुरस्कारों के लिए कौन लोग हो सकते है पात्र?
जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल हैं, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं।
ग़ृह मंत्रालय के अनुसार नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं, जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं।