हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद पी हिंदुजा का निधन, 85 वर्ष की उम्र में लंदन के अस्पताल में ली अंतिम सांस
लंदन, 4 नवम्बर। भारतीय मूल के अरबपति और हिंदुजा समूह के चेयरमैन गोपीचंद पी. हिंदुजा का मंगलवार को लंदन में निधन हो गया। ब्रिटेन के सबसे अमीर कारोबारियों में शुमार हिंदुजा ने 85 वर्ष की उम्र में स्थानीय अस्पताल में अंतिम सांस ली। व्यापार जगत में ‘जीपी’ के नाम से लोकप्रिय गोपीचंद पिछले कुछ हफ्तों से बीमार थे। उनके शोकसंतप्त परिवार में पत्नी सुनीता, दो बेटे संजय व धीरज और एक बेटी रीता हैं।
ब्रिटिश हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य रामी रेंजर ने एक बयान जारी कर गोपीचंद हिंदुजा के निधन पर संवेदना व्यक्त की। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बयान में लिखा है, ‘प्रिय मित्रों, भारी मन से मैं आपके साथ हमारे प्रिय मित्र, जीपी हिंदुजा के दुखद निधन की सूचना शेयर कर रहा हूं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। वह सबसे दयालु, विनम्र और वफादार दोस्तों में से एक थे। उनका निधन एक युग का अंत है क्योंकि वह वास्तव में समुदाय के शुभचिंतक और मार्गदर्शक थे।’
रामी रेंजर ने आगे कहा, ‘मुझे कई सालों तक उन्हें जानने का सौभाग्य मिला। उनकी विशेषताएं वाकई अद्वितीय थीं – बेहतरीन सेंस ऑफ ह्यूमर, समाज और अपने देश भारत के प्रति समर्पण, और सकारात्मक कार्यों के लिए हमेशा समर्थन देने का जज्बा। उनके जाने से एक बड़ा खालीपन पैदा हो गया है, जिसे भरना बेहद कठिन होगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।’
मई, 2023 में संभाली थी ग्रुप के अध्यक्ष पद की कमान
उल्लेखनीय है कि गोपीचंद का ताल्लुक हिंदुजा परिवार की दूसरी पीढ़ी से था और मई, 2023 में उन्होंने ग्रुप के अध्यक्ष पद की कमान संभाली थी, जब उनके बड़े भाई श्रीचंद का निधन हुआ था। सिंध (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में एक सिंधी व्यापारी परिवार में 29 जनवरी, 1940 को जन्मे गोपीचंद हिंदुजा का बचपन मुंबई की गलियों में बीता, जहां उन्होंने जय हिन्द कॉलेज से 1959 में ग्रेजुएशन किया। बाद में उन्हें वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी और रिचमंड कॉलेज से ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि और लंदन के रिचमंड कॉलेज से अर्थशास्त्र में मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली।
हिंदुजा ग्रुप की शुरुआत और विरासत
हिंदुजा परिवार का बिजनेस उनके पिता परमानंद हिंदुजा ने 1914 में शुरू किया था। शुरुआत में यह एक ट्रेडिंग कम्पनी थी, जो भारत और ईरान के बीच सामानों के व्यापार से जुड़ी थी। धीरे-धीरे ग्रुप ने तेल, ऑटोमोबाइल और फाइनेंस जैसे सेक्टरों में कदम रखा और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
लगातार 7 वर्षों तक ब्रिटेन के सबसे अमीर व्यक्ति रहे
इस ग्रुप को गोपीचंद हिंदुजा और उनके भाई श्रीचंद हिंदुजा ने मिलकर एक मल्टी-बिलियन डॉलर ग्लोबल कांग्लोमरेट में बदल दिया। 2023 में भाई श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद गोपीचंद हिंदुजा ने ग्रुप की कमान संभाली। वे हिंदुजा ऑटोमोटिव लिमिटेड के चेयरमैन भी थे और ग्रुप की कई कम्पनियों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दिलचस्प यह है कि ‘जीपी’ लगातार सात वर्षों तक ब्रिटेन के ‘Sunday Times Rich List’ में सबसे अमीर व्यक्ति के तौर पर शामिल रहे। उन्होंने मुंबई के जय हिंद कॉलेज से 1959 में ग्रेजुएशन किया था।
हिंदुजा समूह 30 से ज्यादा देशों में सक्रिय
देखा जाए तो हिंदुजा समूह दुनिया के 30 से ज्यादा देशों में सक्रिय है और हजारों लोगों को रोजगार देता है। इसके कारोबार कई अहम सेक्टरों में फैले हैं।
- ऑटोमोबाइल : Ashok Leyland – भारत की दूसरी सबसे बड़ी कॉमर्शियल ह्वीकल निर्माता कम्पनी।
- बैंकिंग और फाइनेंस : IndusInd Bank और Hinduja Bank (Switzerland)।
- एनर्जी और ऑयल : ग्लोबल स्तर पर काम करने वाली प्रमुख लुब्रिकेंट कम्पनी Gulf Oil International।
- आईटी और हेल्थकेयर : Hinduja Global Solutions (HGS) – आईटी और बीपीओ सर्विस प्रोवाइडर, साथ ही हेल्थकेयर सपोर्ट सर्विसेज में भी बड़ी कम्पनी।
- रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर : ग्रुप की कई कम्पनियां भारत और ब्रिटेन में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट से जुड़ी हैं।
4.2 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति
Sunday Times Rich List 2025 के अनुसार हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति करीब 37 अरब पाउंड (लगभग 4.2 लाख करोड़ रुपये) आंकी गई थी। ब्रिटेन में गोपीचंद हिंदुजा की पहचान न सिर्फ सबसे अमीर परिवार के रूप में थी, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक योगदान के कारण भी उन्हें सम्मान मिला।
