जोशीमठ संकट पर गृह मंत्री अमित शाह की उच्चस्तरीय बैठक 45 करोड़ रुपये का पुनर्वास पैकेज जारी
नई दिल्ली, 12 जनवरी। जोशीमठ में उपजे संकट को लेकर केंद्र सरकार ने एक्शन तेज कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जोशीमठ के ‘धंसते’ शहर की स्थिति की समीक्षा के लिए गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की। भूमि धंसने के कारण कई घरों और इमारतों में दरारें आ गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि शाह ने जोशीमठ में उत्पन्न स्थिति और लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का आकलन किया।
4 केंद्रीय मंत्रियों सहित शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल
चार केंद्रीय मंत्रियों – नितिन गडकरी (सड़क परिवहन), आर. के. सिंह (ऊर्जा), भूपेंद्र यादव (पर्यावरण एवं वन) और गजेंद्र सिंह शेखावत (जल शक्ति) के अलावा शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय ने गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार जोशीमठ शहर में हालिया भूमि धंसाव संकट से प्रभावित लोगों के लिए 45 करोड़ रुपये का पुनर्वास पैकेज जारी कर रही है।
अंतरिम राहत के तत्काल वितरण के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने घोषणा की कि संकट के पीड़ितों के लिए अंतरिम राहत के तत्काल वितरण के लिए 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। जोशीमठ में स्थानीय अधिकारियों ने गुरुवार को क्षतिग्रस्त होटलों को तोड़ना शुरू कर दिया। क्षेत्र के कई होटलों में दरारें आ गई हैं और स्थानीय लोगों को डर है कि वे कभी भी गिर सकते हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को जोशीमठ में स्थिति की समीक्षा की थी और कहा था कि प्रभावित क्षेत्र में सभी निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना तत्काल प्राथमिकता होनी चाहिए। एनसीएमसी की बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया था कि कमजोर ढांचों को सुरक्षित तरीके से गिराने को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को कहा कि जोशीमठ में जमीन धंसने से प्रभावित परिवारों के लिए बाजार दर पर मुआवजा स्थानीय स्तर पर गठित समिति के सुझावों के आधार पर तय किया जाएगा। प्रभावित परिवारों के बीच पैकेज राशि के वितरण एवं पुनर्वास पैकेज की दर सुनिश्चित करने के लिए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की अध्यक्षता में 19 सदस्यीय समिति का बुधवार को गठन किया गया था।