पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में भारी हिंसा : 15 से ज्यादा लोगों की मौत, मतपेटियां जलाई गईं, बमबारी और तोड़फोड़
कोलकाता, 8 जुलाई। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए शनिवार को मतदान के बीच भारी हिंसा की खबरें हैं। अंतिम समाचर मिलने तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव संबंधित हिंसा के बीच 15 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी थी जबकि हिंसक झड़पों में कई अन्य लोग घायल हुए हैं।
अधिकारियों के मुताबिक मारे गए लोगों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छह लोग शामिल हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), कांग्रेस और इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के एक-एक कार्यकर्ता और एक अन्य व्यक्ति शामिल है, जिसकी पहचान उजागर नहीं हो सकी है। इसके अलावा, राज्य के कई हिस्सों में मतदान केंद्रों पर तोड़फोड़ व बमबारी के बीच मतपेटियों को आग के हवाले कर नष्ट किए जाने की भी सूचनाएं मिली हैं।
सुवेंदु अधिकारी का आरोप – टीएमसी के गुंडों 15 से अधिक लोगों को मार डाला
इस बीच पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘राज्यपाल ने राजीव सिन्हा (राज्य चुनाव आयुक्त) को नियुक्त करके सबसे बड़ी गलती की। दोपहर के तीन बजे तक 15 से अधिक लोग मारे गए हैं, उन्हें टीएमसी के गुंडों ने मार डाला। केंद्र को अनुच्छेद 355 या 356 में हस्तक्षेप करना चाहिए। हम संविधान के संरक्षक से काररवाई चाहते हैं।’
सुबह सात बजे शुरू हुआ था मतदान
गौरतलब है कि राज्य के ग्रामीण इलाकों की 73,887 सीटों पर सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ था। 5.67 करोड़ मतदाता लगभग 2.06 लाख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करने वाले थे, लेकिन हिंसा के चलते कई लोगों ने मतदान नहीं किया। लोगों का आरोप था कि उन्हें गुंडों द्वारा मतदान करने के लिए नहीं जाने को कहा जा रहा था।
राज्यपाल बोस ने हिंसा में घायल लोगों से की मुलाकात
उधर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना के विभिन्न इलाकों का दौरा कर हिंसा में घायल लोगों से मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। बोस ने पत्रकारों से कहा, ‘रास्ते में लोगों ने मुझसे मेरा काफिला रोकने का अनुरोध किया। बताने के लिए बहुत सारी कहानियां हैं, उन्होंने मुझे अपने आस-पास हो रही हत्या की घटनाओं के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि गुंडों ने उन्हें मतदान केंद्रों पर जाने की अनुमति नहीं दी और पीठासीन अधिकारियों ने उनकी बात नहीं सुनी। ये छिटपुट मामले हैं, लेकिन रक्तपात की एक भी घटना हम सभी के लिए चिंता का कारण होनी चाहिए। यह लोकतंत्र के लिए सबसे पावन दिन है। ये छिटपुट घटनाएं हैं, लेकिन इन पर विराम लगना चाहिए।’
टीएमसी ने केंद्रीय बल पर उठाए सवाल
वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने सवाल किया कि केंद्रीय बल कहां हैं, जिन्हें चुनाव के लिए लाया गया था। राज्य के मंत्री शशि पांजा ने पूछा, ‘बीती रात से चौंकाने वाली घटनाओं की सूचना मिल रही है। भाजपा, माकपा और कांग्रेस ने साठगांठ की थी और केंद्रीय बलों की मांग की थी। आखिर वे कहां तैनात हैं? तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है। केंद्रीय बल कहां है?’
पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम
राज्य के 22 जिलों में ग्राम पंचायत की 63,229 सीटें और पंचायत समिति की 9,730 सीटें हैं जबकि 20 जिलों में 928 जिला परिषद सीटें हैं। टीएमसी जिला परिषदों की सभी 928 सीटों, पंचायत समितियों की 9,419 सीटों और ग्राम पंचायतों की 61,591 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने 897 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 7,032 सीटों और ग्राम पंचायतों की 38,475 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। माकपा 747 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 6,752 सीटों और ग्राम पंचायत की 35,411 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस 644 जिला परिषद सीटों, पंचायत समिति की 2,197 सीटों और ग्राम पंचायत की 11,774 सीटों पर किस्मत आजमा रही है।
देखा जाए तो पंचायत चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि यह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके संगठन की क्षमता और कमजोरी के बारे में आकलन करने का एक अवसर देगा। इसके अलावा, यह चुनाव तृणमूल कांग्रेस सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के शुरुआती दो वर्षों को लेकर राज्य के मिजाज को भी रेखांकित करेगा।