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लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 3 जनवरी तक टली

लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 3 जनवरी तक टली

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नई दिल्ली, 15 दिसम्बर। सुप्रीम कोर्ट ने नकद के बदले सवाल (कैश फॉर क्वेरी) मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई तीन जनवरी, 2024 तक के लिए टाल दी है।

जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली बेंच के सामने शुक्रवार को यह मामला रखा गया। बेंच ने इसे आगामी तीन जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। खुद महुआ ने बीते बुधवार को अपनी याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया था कि शीर्ष अदालत मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के अनुरोध पर जरुर विचार करेगी।

गौरतलब है कि संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में बीते हफ्ते आठ दिसम्बर को मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किया गया था। वहीं मोइत्रा ने उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा की आचार समिति पर पर्याप्त सबूत के बिना फैसले लेने और मनमानी का आरोप लगाया था। महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अयोग्यता को चुनौती देने के साथ आचार समिति के निष्कर्षों पर चर्चा के दौरान लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात भी कही थी।

ये है Cash for Query मामला

स्मरण रहे कि TMC सांसद महुआ मोइत्रा पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने का आरोप है। इस बाबत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और उनके खिलाफ लोकसभा स्पीकर से शिकायत कर जांच की मांग भी की थी। उन्होंने दावा किया था कि उन्हें ये सभी सबूत वकील जय अनंत देहादराई द्वारा मिले थे, जो महुआ के मित्र रह चुके हैं।

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