सिकल सेल बीमारी का पता लगाने के लिए 5.72 करोड़ लोगों की हुई स्क्रीनिंग : स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली, 19 जून। ‘भारत सिकल सेल मुक्त भविष्य अभियान’ के तहत देश में सिकल सेल बीमारी का पता लगाने के लिए अब तक लगभग 5.72 करोड़ लोगों की जांच की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिकल सेल दिवस के अवसर पर आज यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि विश्व सिकल सेल दिवस हर वर्ष 19 जून को मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को सिकल सेल बीमारी (SCD) के बारे में जागरूक करना होता है।
‘SCD हमारे खून की लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करती है’
सिकल सेल बीमारी एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो सीधे हमारे खून की लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) को प्रभावित करती है। इस बीमारी में शरीर में आरबीसी की संख्या कम हो जाती है, जिससे शरीर के अंगों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता। ऐसे में थकान, दर्द और कमजोरी जैसी परेशानियां हो सकती हैं। यदि वक्त पर इसका इलाज न हो, तो यह बीमारी खतरनाक भी बन सकती है।
This #WorldSickleCellAwarenessDay, India is stepping closer to a Sickle Cell-free future!
Through the National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission, widespread screening and awareness efforts are empowering communities and saving lives.
Together, let’s build a healthier… pic.twitter.com/wOfc4N2i3k
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 19, 2025
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट में कहा, ‘इस विश्व सिकल सेल दिवस पर, भारत अब सिकल सेल मुक्त भविष्य की तरफ एक कदम और बढ़ गया है।’
आदिवासी इलाकों में इस बीमारी के मामले अधिक
सिकल सेल बीमारी के मामले भारत में अधिक देखने को मिलते हैं। खासकर जहां आदिवासी लोग रहते हैं, उन क्षेत्रों से इसके ज्यादा मामले सामने आते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह बीमारी सिर्फ आदिवासियों तक ही सीमित है, यह गैर-आदिवासी लोगों को भी हो सकती है।
#WorldSickleCellAwarenessDay | नियमित गतिविधि = बेहतर सेहत!
सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित बच्चों को हल्के व्यायाम, पर्याप्त पानी और सही दिनचर्या से लाभ मिलता है।
सही देखभाल के साथ, बच्चे स्वस्थ, मजबूत और सक्रिय रह सकते हैं।#SickleCellAwareness pic.twitter.com/9yOMdUex5R— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) June 19, 2025
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी वास करती है। भारत की कुल आबादी का लगभग 8.6 प्रतिशत हिस्सा, यानी करीब 6.78 करोड़ लोग आदिवासी हैं। यह जानकारी 2011 की जनगणना से मिली है।
पीएम मोदी ने शुरू किया था राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन
इस बीमारी से निबटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश से राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया। इस मिशन का मकसद देश में सिकल सेल बीमारी को खत्म करना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘3 जून 2025 तक, कुल 5.72 करोड़ लोगों की सिकल सेल बीमारी की जांच हो चुकी है। यह जांच उनके तीन वर्ष के लक्ष्य का 75 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा पूरा कर चुकी है।’
राज्यों ने अब तक 2.50 करोड़ सिकल सेल स्टेटस कार्ड जारी किए
ध्यान देने वाली बात है कि सिर्फ एक वर्ष में, यानी अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 के बीच, 2.65 करोड़ से ज्यादा लोगों की सिकल सेल बीमारी की जांच की गई है। राज्यों ने अब तक 2.50 करोड़ सिकल सेल स्टेटस कार्ड जारी किए हैं। इन कार्डों की मदद से 1.98 लाख लोगों में सिकल सेल बीमारी पाई गई है और 14 लाख लोगों में सिकल सेल की सूक्ष्म स्थिति मिली है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जो भी मरीज मिले हैं, उन्हें अभी सही इलाज मिल रहा है।
World Sickle Cell Awareness Day is an important occasion to raise awareness about the challenges faced by those living with sickle cell disease. This day offers a platform to educate communities, promote early diagnosis, and support ongoing research.
It also reminds us of the… pic.twitter.com/fP1NIZnfzB
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 19, 2025
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि सिकल सेल दिवस इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मुश्किलों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने एक्स पर कहा, ‘यह दिन लोगों को जागरूक करने, बीमारी का जल्दी पता लगाने और नई रिसर्च को बढ़ावा देने का मौका देता है। इस बीमारी से जुड़ी गलतफहमियों को खत्म करना और मरीजों को सही देखभाल देना बहुत जरूरी है।’
