
अहमदाबाद, 28 मार्च। गुजरात हाई कोर्ट ने रेप सहित यौन शोषण के कई मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को मेडिकल आधार पर तीन माह की अंतरिम जमानत प्रदान कर दी है। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत लिया गया है, जिसके अनुसार वह 31 मार्च तक पहले से ही अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं।
आसाराम ने 6 माह की अंतरिम जमानत मांगी थी
दरअसल, 87 वर्षीय आसाराम ने गुजरात हाई कोर्ट से छह माह की अंतरिम जमानत की मांग की थी। दो जजों की डिवीजन बेंच में सहमति न बनने के कारण यह मामला लार्जर बेंच के पास भेजा गया। लार्जर बेंच ने सुनवाई के बाद तीन माह की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली।
30 जून तक जेल से बाहर रह सकेंगे
देखा जाए तो हाई कोर्ट के आदेश के साथ अब आसाराम को 30 जून, 2025 तक जेल से बाहर रहने की अनुमति मिल गई है। यह जमानत मेडिकल आधार पर दी गई है, जिसका मतलब है कि उनका इलाज जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि उन्हें प्रोस्टेट, हार्ट ब्लॉकेज समेत कई बड़ी बीमारियां हैं। उनका नेचुरोपैथी, आयुर्वेदिक पंचकर्म से डॉक्टरों की निगरानी में इलाज चल रहा है।
जोधपुर कोर्ट ने 31 मार्च तक की पैरोल मंजूर की थी
इससे पहले जोधपुर कोर्ट ने आसाराम की स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखकर 31 मार्च तक की पैरोल मंजूर की थी। हालांकि, कोर्ट ने पैरोल में कई शर्तें भी लगाई थीं, जिसके तहत वह अपने अनुयायियों से नहीं मिल सकते। इसके साथ ही न तो प्रवचन कर सकते हैं, न ही मीडिया से बातचीत कर सकते हैं। जोधपुर कोर्ट के निर्देशानुसार आसाराम के साथ पैरोल के दौरान तीन पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगे।
रेप केस में हुई थी उम्रकैद की सजा
उल्लेखनीय है कि आसाराम वर्ष 2013 के बलात्कार के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और उनके खिलाफ यौन शोषण से जुड़े कई मामले दर्ज हैं। पहले सुप्रीम कोर्ट, फिर जोधपुर कोर्ट और अब गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत दी है ताकि वह अपना इलाज करा सकें।