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बिहार की लुटेरी पुलिस : हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस में जीआरपी जवानों ने की 1.44 करोड़ की सोने की लूट

बिहार की लुटेरी पुलिस : हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस में जीआरपी जवानों ने की 1.44 करोड़ की सोने की लूट

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गया, 30 दिसम्बर। बिहार में पुलिस और अपराध के बीच सांठगांठ का एक घिनौना मामला सामने आया है, जहां राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के चार जवानों ने वर्दी का फायदा उठाकर एक स्वर्ण कारोबारी के कर्मचारी से 1.44 करोड़ रुपये का एक किलो सोना लूट लिया। यह वारदात गया-कोडरमा के बीच हावड़ा-जोधपुर-बीकानेर एक्सप्रेस में पिछले माह हुई।

यही नहीं वरन वारदात को अंजाम देने के बाद पुलिसकर्मियों ने पीड़ित को डरा-धमका कर वापस हावड़ा भेज दिया। जांच पूरी होने के बाद यह सच्चाई सामने आई। अब पटना रेल एसएसपी के निर्देश पर गया रेल थाने में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई है।

कोडरमा-गया के बीच ट्रेन रोककर की लूट

घटना 20 नवम्बर की है, जब बंगाल के स्वर्ण कारोबारी मनोज सोनी का स्टाफ धनंजय शाश्वत 1.44 करोड़ रुपये मूल्य का एक किलो सोना लेकर जयपुर जा रहा था। ट्रेन जैसे ही कोडरमा और गया स्टेशन के बीच पहुंची, गया रेल थाने में पदस्थापित चार सिपाहियों ने धनंजय की तलाशी ली। बैग में सोने के बिस्किट देखते ही सिपाहियों की नीयत डोल गई। उन्होंने धनंजय के साथ मारपीट की और सोने से भरा बैग छीन लिया।

पीड़ित को जबरन वापस हावड़ा भेजा

लूट के बाद आरोपित सिपाहियों ने धनंजय को धमकी दी कि वह गया स्टेशन पर उतर जाए और वापस हावड़ा का टिकट कटाकर लौट जाए। डरा हुआ धनंजय गया में उतरकर वापस बंगाल पहुंचा और अपने मालिक मनोज सोनी को आपबीती सुनाई। इसके बाद कारोबारी ने पहले बंगाल के मालीपंचघरा थाना और फिर पटना रेल पुलिस के अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई।

सांसद के हस्तक्षेप के बाद जागी रेल पुलिस

स्वर्ण कारोबारी मनोज सोनी ने इस गंभीर मामले की जानकारी खगड़िया सांसद राजेश वर्मा को भी दी। सांसद के हस्तक्षेप और पटना रेल एसएसपी डॉ. इनामुल हक से बातचीत के बाद मामले ने तूल पकड़ा। एसएसपी के निर्देश पर वारदात के नौ दिन बाद यानी 29 नवम्बर को गया रेल थाने में बीएनएस (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई।

जांच के लिए गया पहुंचे रेल एसपी

इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिए रेल एसपी इनामुल हक सोमवार को खुद गयाजी रेलवे स्टेशन पहुंचे। उनके साथ रेल डीएसपी और थानाध्यक्ष भी मौजूद थे। एसएसपी ने स्पष्ट किया है कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर दोषी सिपाहियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कठोर काररवाई सुनिश्चित की जाएगी।

स्टाफ को भी बनाया गया आरोपित

गया रेल थानाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में चार अज्ञात जीआरपी सिपाहियों के साथ-साथ सोने की खेप ले जा रहे स्टाफ धनंजय शाश्वत को भी आरोपित बनाया गया है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इस पूरी साजिश में स्टाफ की कोई मिलीभगत थी या उसने जानकारी छिपाने की कोशिश की।

गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू, रेल पुलिस महकमे में हड़कंप

सूत्रों के अनुसार आरोपित सिपाहियों की पहचान लगभग तय मानी जा रही है, जो गया रेल थाने में ही तैनात हैं। एसएसपी ने थानाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द आरोपितों को गिरफ्तार कर लूटा गया सोना बरामद किया जाए। इस घटना के बाद गया रेल पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।

 

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