केंद्र ने वस्त्र उद्योग के लिए पीएलआई योजना को दी मंजूरी, 5 वर्षों में 10,683 करोड़ का पैकेज
नई दिल्ली, 8 सितम्बर। केंद्र सरकार ने वस्त्र उद्योग के लिए उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही किसानों को राहत प्रदान करते हुए रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अन्य कई फैसले किए गए। केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी।
छोटे शहरों की कम्पनियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी
पीयूष गोयल ने बताया कि पीएलआई स्कीम के तहत 10 अलग-अलग उत्पादों के लिए अगले 5 वर्षों तक 10,683 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज दिया जाएगा। सरकार ने सुस्त पड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में यह राशि आवंटित की थी। योजना के तहत छोटे शहरों की कम्पनियों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्त्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी
योजना के तहत 5 वर्षों में 10,683 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा#CabinetDecisions #PLI4Textiles pic.twitter.com/2DrusQ75Rb
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) September 8, 2021
भारत को वैश्विक वस्त्र व्यापार में फिर से अग्रणी बनने में मदद मिलेगी
गोयल ने बताया कि इस स्कीम से भारत को वैश्विक वस्त्र व्यापार में एक बार फिर से अग्रणी बनने में मदद मिलेगी। व्यापक अर्थव्यवस्था का लाभ उठाते हुए यह योजना भारतीय कम्पनियों को वैश्विक विजेता के तौर पर उभरने में मदद करेगी।
7.5 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रूप से अतिरिक्त रोजगार मिलेगा
केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने बताया कि इस योजना से प्रत्यक्ष रूप से 7.5 लाख से भी अधिक लोगों के लिए अतिरिक्त रोजगारों के साथ-साथ सहायक गतिविधियों के लिए भी कई लाख और रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। इससे बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
19,000 करोड़ रुपये से भी अधिक के नए निवेश की उम्मीद
उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस योजना के परिणामस्वरूप 19,000 करोड़ रुपये से भी अधिक का नया निवेश होगा और पांच वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का अतिरिक्त उत्पादन कारोबार होगा। इस योजना से विशेषकर गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं ओडिशा जैसे राज्यों पर सकारात्मक असर होगा।