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खुशखबरी: रूसी वैक्सीन स्पुतनिक अगले हफ्ते से भारतीय बाजार में उपलब्ध रहेगी, देश में उत्पादन भी जल्द

खुशखबरी: रूसी वैक्सीन स्पुतनिक अगले हफ्ते से भारतीय बाजार में उपलब्ध रहेगी, देश में उत्पादन भी जल्द

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नई दिल्ली, 13 मई। भारत में कोरोना संकट के दौरान जब वैक्सीन की कमी महसूस की जाने लगी थी, तभी केंद्र सरकार की ओर से एक खुशखबरी सामने आई। दरअसल रूस में निर्मित वैक्सीन स्पुतनिक को भी अब भारतीय बाजार में उतारने की तैयारी कर ली गई है। इसके साथ ही देश में अब कोवैक्सीन व कोविशील्ड के बाद तीन टीके उपलब्ध हो जाएंगे।

नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी.के. पॉल ने गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की नियमित मीडिया कॉन्फ्रेंस में इस आशय की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘स्पुतनिक वैक्सीन भारत में आ गई है। मुझे यह कहते हुए खुशी है और हम उम्मीद करते हैं कि अगले हफ्ते से यह बाजार में उपलब्ध रहेगी। हम यह भी आशा करते हैं कि रूस से आई वैक्सीन की सीमित मात्रा में बिक्री अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगी। जुलाई तक इसका भारत में उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।’

कई कम्पनियों की 216 करोड़ डोज उपलब्ध होने की उम्मीद

डॉ. पॉल ने कहा कि अधिकतम वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए लगातार हर स्तर पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगस्त से दिसंबर तक कुल 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद है। इसमें 55 करोड़ डोज कोवैक्सीन, 75 करोड़ कोविशील्ड, 30 करोड़ बायो ई सब यूनिट वैक्सीन, 5 करोड़ जायडस कैंडिला डीएनए, 20 करोड़ नोवावैक्सीन, 10 करोड़ भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन, छह करोड़ जिनोवा और 15 करोड़ डोज स्पुतनिक की उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा कि जो वैक्सीन आ रही हैं, वे पर्याप्त साबित होंगी क्योंकि देश में 18 वर्ष और इससे ज्यादा उम्र की आबादी 95 करोड़ है। सबक मिलाकर लगभग दो अरब डोज की जरूरत होगी।

कोवैक्सीन का फॉर्मूला दूसरी कम्पनियों को देने के प्रश्न पर डॉ. पाल ने कहा, ‘कम्पनी ने भी इस मांग का स्वागत किया है और हमने दूसरी कम्पनियों से बात भी की है। इस वैक्सीन में लाइ‌व वायरस को इनएक्टिवेट किया जाता है और यह बीएसएल थ्री लेवल की लैब में ही हो सकता है। यह लैब देश में अन्य किसी कम्पनी के पास नहीं है। जो कम्पनी ऐसी लैब बनाकर जुड़ना चाहती है, उसके लिए खुला ऑफर है।’

डब्ल्यूएचओ से स्वीकृत कोई भी वैक्सीन आ सकती है भारत

उन्होंने कहा कि वैक्सिनेशन के तीसरे चरण के लिए नई पॉलिसी इसलिए बनी क्योंकि राज्य चाहते थे कि कुछ लचीलापन हो और वे खुद भी कुछ तय कर सकें। लोगों की यह मांग भी थी कि निजी क्षेत्र में भी वैक्सीन की उपलब्धता हो।

उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) व खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) से मान्यता प्राप्त कोई भी वैक्सीन भारत में आ सकती है। सरकार की ओर से आयात लाइसेंस दो दिनों में मिल जाएगा।

डॉ. पॉल ने यह भी जानकारी दी कि देश में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या करीब 34 करोड़ है। इसमें एक तिहाई आबादी को पहली डोज लग चुकी है। यानी हर तीन में से एक को वैक्सीन की पहली डोज मिल गई है।

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