नई दिल्ली, 21 जुलाई। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) की बहाली योजना को कुछ शर्तों के साथ स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही गत मई से बंद एयरलाइंस के विमानों के उड़ान भरने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, कम्पनी के विमान कब से उड़ान भरेंगे, इसकी तारीख का खुलासा नहीं हुआ है। वहीं, एयरलाइंस 23 जुलाई तक विमान सेवाओं को रद रखने की जानकारी पहले ही सार्वजनिक कर चुकी है.
डीजीसीए ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि जांच के बाद उसने दिल्ली उच्च न्यायालय और एनसीएलटी के समक्ष लंबित याचिकाओं के नतीजे के अधीन 28 जून की प्रस्तावित बहाली योजना को स्वीकार कर लिया है। डीजीसीए ने कहा कि Go First 15 विमानों और रोजाना 114 उड़ानें के साथ परिचालन शुरू कर सकता है, बशर्ते वह एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट रखने के लिए सभी लागू नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन करता हो।
डीजीसीए के नोटीफिकेशन में कहा गया है कि एयरलाइन को परिचालन में लगे विमानों की उड़ान योग्यता जारी रखनी होगी। कम्पनी संतोषजनक उड़ान संचालन के बिना परिचालन के लिए किसी भी विमान को तैनात नहीं कर सकती है। साथ ही कम्पनी में कोई भी बदलाव तुरंत डीजीसीए को सूचित किया जाएगा।
इसके पूर्व विमानन कम्पनी Go First ने गुरुवार को ट्विटर पर जानकारी दी थी कि परिचालन कारणों से उसकी सभी उड़ानें कम से कम 23 जुलाई, 2023 तक रद कर दी गई हैं। नियामक ने इस महीने की शुरुआत में जानकारी दी थी कि वह मुंबई और दिल्ली में गो फर्स्ट सुविधाओं का विशेष ऑडिट करेगा। गो फर्स्ट का इरादा जल्द से जल्द बेड़े में 22 विमानों के साथ उड़ान फिर से शुरू करने का है।
गो फर्स्ट में लगभग 4,200 कर्मचारी हैं। मार्च, 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष में परिचालन से इसका राजस्व 4,183 करोड़ रुपये था। गो फर्स्ट की देनदारियां लगभग 11,463 करोड़ रुपये हैं। एयरलाइन ऑपरेटर ने मई की शुरुआत में एनसीएलटी को स्वैच्छिक दिवालियापन समाधान के लिए आवेदन दिया था, तभी से विमान सेवाएं बंद चल रही हैं.