1. Home
  2. कारोबार
  3. 70 घंटे के कार्य सप्ताह की बहस पर बोले गौतम अडानी – तो बीवी भाग जाएगी
70 घंटे के कार्य सप्ताह की बहस पर बोले गौतम अडानी – तो बीवी भाग जाएगी

70 घंटे के कार्य सप्ताह की बहस पर बोले गौतम अडानी – तो बीवी भाग जाएगी

0
Social Share

नई दिल्ली, 31 दिसम्बर। देश के शीर्षस्थ कारोबारियों में शुमार अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने 70 घंटे के कार्य सप्ताह की बहस पर मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि यदि कोई व्यक्ति दिन में आठ घंटे सिर्फ काम पर ध्यान केंद्रित करता है तो उसकी पत्नी भाग सकती है।

कार्य-जीवन संतुलन का विचार नहीं थोपा जाना चाहिए

गौतम अडानी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘कार्य-जीवन संतुलन का आपका विचार मुझ पर नहीं थोपा जाना चाहिए और मेरा विचार आप पर नहीं थोपा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, किसी को परिवार के साथ चार घंटे बिताने में खुशी मिल सकती है जबकि किसी को आठ घंटे पसंद हो सकते हैं – यह उनका संतुलन है। हालांकि, अगर आप आठ घंटे बिताते हैं तो बीवी भाग जाएगी।’

कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के महत्व पर दिया जोर

कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर देते हुए अडानी ने कहा कि यह तब हासिल होता है, जब व्यक्ति उन गतिविधियों में संलग्न होता है, जिनका वह वास्तव में आनंद लेता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कार्य-जीवन संतुलन का असली सार व्यक्तिगत खुशी और प्रियजनों की भलाई में निहित है।

अडानी ने कहा, ‘कार्य-जीवन संतुलन तब हासिल होता है, जब आप वह करते हैं, जो आपको पसंद है। हममें से कई लोगों के लिए यह परिवार और काम है – हमारे पास इससे परे कोई दुनिया नहीं है। हमारे बच्चे भी इसे देखते हैं और इस पर ध्यान देते हैं। कोई भी व्यक्ति स्थायी रूप से यहां नहीं रहता। इसे समझने से जीवन सरल हो जाता है।’

नारायण मूर्ति ने दिया है 70 घंटे के कार्य सप्ताह का सुझाव

गौतम अडानी की यह टिप्पणी इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति द्वारा भारत को उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए 70 घंटे के कार्य सप्ताह के सुझाव पर छिड़ी गरमागरम बहस के बीच आई है।

इन्फोसिस के संस्थापक ने अपनी स्थिति का बचाव भी किया

इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह के शुभारंभ पर अपनी स्थिति का बचाव करते हुए नारायण मूर्ति ने कहा, ‘इन्फोसिस में मैंने खुद की तुलना सर्वश्रेष्ठ वैश्विक कम्पनियों से करने की वकालत की। यदि हम उनके जैसा बनना चाहते हैं, तो हम भारतीयों को कड़ी मेहनत करनी होगी। 800 मिलियन लोग मुफ्त राशन पर निर्भर हैं, जो व्यापक गरीबी को दर्शाता है, यदि हम नहीं तो और कौन कड़ी मेहनत करेगा?’

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code