1. Home
  2. हिन्दी
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. खाद, स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक व वित्तपोषण पर ध्यान दे जी-20 : पीएम मोदी
खाद, स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक व वित्तपोषण पर ध्यान दे जी-20 : पीएम मोदी

खाद, स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक व वित्तपोषण पर ध्यान दे जी-20 : पीएम मोदी

0
Social Share

बाली, 15 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व में खाद्य एवं ऊर्जा संकट से निपटने में संयुक्त राष्ट्र की निष्फलता को रेखांकित करते हुए जी-20 देशों का आज आह्वान किया कि वे उर्वरक की आपूर्ति बढ़ाने तथा स्वच्छ ऊर्जा की तकनीक एवं किफायती वित्तपोषण सुलभ कराने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर विश्व में आर्थिक रूप से शक्तिशाली 20 देशों के शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा विषय पर अपने संबोधन में ये आह्वान किया।

पीएम मोदी इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के निमंत्रण पर तीन दिन की यात्रा पर कल रात यहां पहुंचे। आज सुबह जी-20 शिखर सम्मेलन में पहुंचने पर विडोडो ने पीएम मोदी का आत्मीय स्वागत किया। सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सबसे पहले आज कठिन वैश्विक वातावरण में जी20 को प्रभावी नेतृत्व देने के लिए राष्ट्रपति विडोडो की सराहना की।

उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याओं ने मिल कर विश्व मे तबाही मचा दी है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं तहस-नहस हो गई हैं। पूरी दुनिया मे जीवन-जरूरी चीजें, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का संकट बना हुआ है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है। वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे।

उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है। हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। और हम सभी इनमे उपयुक्त सुधार करने में भी असफल रहे हैं। इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें यूक्रेन में संघर्ष-विराम और कूटनीति की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली शताब्दी मे, दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व मे कहर ढाया था। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयत्न किया। अब हमारी बारी है। पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नई वैश्विक व्यवस्था की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है। समय की मांग है कि हम विश्व मे शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं। मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 बुद्ध और गाँधी की पवित्र भूमि मे मिलेगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे।”

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code