नई दिल्ली, 29 सितम्बर। कांग्रेस में मची उथल-पुथल के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार की शाम नए राजनीतिक समीकरण की जमीन तैयार होती दिखी, जब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह शाम को अचानक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने उनके आवास पर जा पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच लगभग 45 मिनट तक बातचीत हुई।
तात्कालिक तौर पर दोनों नेताओं की मुलाकात का एजेंडा सामने नहीं आया। लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि कैप्टन अमरिंदर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं। शाह से मुलाकात के बाद कैप्टन की कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 ग्रुप के नेताओं से भी मुलाकात की खबर सामने आई है।
अमरिंदर ने कहा था – दिल्ली में किसी राजनेता से नहीं मिलेंगे
24 घंटे पूर्व ही चंडीगढ़ से दिल्ली आए 79 वर्षीय कैप्टन अमरिंदर ने हालांकि मंगलवार को कहा था कि उनका राष्ट्रीय राजधानी में किसी राजनेता से मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है और वह पंजाब के मुख्यमंत्री के नाम आवंटित सरकारी आवास ‘कपूरथला हाउस’ खाली करने दिल्ली आए हैं।
फिलहाल नवजोत सिंह सिद्धू प्रकरण से ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ कैप्टन की नाराजगी देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली में उनकी अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात संभव है और वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन संभावनाओं को इसलिए भी बल मिल रहा था कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर ने सारे राजनीतिक विकल्प खुले रहने की बात भी कही थी।
दिलचस्प तो यह है कि अमित शाह की कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात ऐसे वक्त हुई है, जब राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह अध्यक्ष के इस्तीफे के साथ ही न सिर्फ पंजाब में नए सिरे से राजनीतिक संग्राम छिड़ गया है बल्कि कपिल सिब्बल सरीखे शीर्ष नेताओं ने, जिन्हें जी-23 का नाम दिया गया है, एक बार फिर कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है।
अमरिंदर को भाजपा सरकार में शामिल किए जाने तक की अटकलें
इधर अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात के बाद भाजपा सूत्र मुखर उठे हैं। उनका कहना है कि अमरिंदर सिंह जल्द ही कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लेंगे। इसके साथ ही उनको राज्यसभा सांसद बनाकर कोई बड़ा मंत्रालय केंद्र में दिया जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कैप्टन को कृषि मंत्री बनाया जा सकता है। किसानों को मनाने के लिए बीजेपी फिर कैप्टन के पाले में गेंद फेंक देगी। हालांकि ये सभी अटकलें ही चल रही हैं।
भाजपा कैप्टन को सही तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति पर कर रही विचार
भाजपा सूत्रों का कहना था कि पार्टी कैप्टन को सही तरीके से इस्तेमाल करने की रणनीति पर विचार कर रही है। उन्हें पार्टी में शामिल कराकर पर एक चेहरे के रूप में पेश करना उचित रहेगा या उनके नेतृत्व में एक नए राजनीतिक दल का गठन हो और भाजपा उसका बाहर से सपोर्ट करे, इस संभावना पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।