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पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत तक नहीं बचा सके, जेजेपी का वोट शेयर एक फीसदी से भी कम

पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला अपनी जमानत तक नहीं बचा सके, जेजेपी का वोट शेयर एक फीसदी से भी कम

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चंडीगढ़, 9 अक्टूबर। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ बनी गठबंधन की सरकार में किंगमेकर रहे जननायक जनता पार्टी (JJP) के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला को इस बार काफी दुर्गति झेलनी पड़ी। गठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाल चुके दुष्यंत की पार्टी की मौजूदा हालत यह है कि वह न तो खुद चुनाव जीत सके और न ही पार्टी का कोई उम्मीदवार। इतना ही नहीं पूरी पार्टी का वोट शेयर एक फीसदी भी नहीं पहुंच पाया।

विधानसभा चुनाव के कुछ महीनों पहले तक दुष्यंत डिप्टी सीएम पद पर काबिज थे, लेकिन भाजपा में हुई हलचल ने सारे समीकरण बदल दिए। जेजेपी और भाजपा का गठबंधन टूटा। इसके बाद उनकी पार्टी के कई विधायक भी टूट गए। उनकी वापसी की उम्मीद कहे जा रहे 2024 विधानसभा चुनाव भी जेजेपी और दुष्यंत के लिए बड़े झटके की तरह रहे।

उचाना कलां सीट : पांचवें स्थान पर पिछड़ गए दुष्यंत

हरियाणा की उचाना कलां सीट से मैदान में उतरे दुष्यंत 5वें स्थान पर रहे। उन्हें पांच फीसदी से भी कम वोट मिले। वह दल के उन नेताओं में शामिल थे, जिनकी जमानत जब्त हो गई थी। उचाना कलां में भाजपा के देवेंद्र चतुर्भुज अत्तरी ने महज 32 वोट के अंतर से कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह को हराया है। दुष्यंत इस सीट पर दो निर्दलीय उम्मीदवारों विकास और वीरेंद्र घोघारियां से भी पिछड़ गए। उन्होंने यह सीट 41 हजार से ज्यादा वोटों से गंवाई।

विधानसभा चुनाव में जेजेपी का एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर सका। यहां तक कि पार्टी का वोट शेयर भी 15 प्रतिशत से घटकर एक फीसदी से भी कम पर आ गया ।

विरासत की राजनीति को पूरी तरह नहीं लगा झटका

दुष्यंत पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला के पौत्र और पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल के परपौत्र हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री देवी लाल, बंसी लाल और भजन लाल के परिवार के सदस्य जीतने में कामयाब रहे। पूर्व सीएम भजन लाल के बेटे चंद्र मोहन पंचकूला से जीते तो देवी लाल के पोते आदित्य देवी लाल डबवाली से जीते जबकि अर्जुन चौटाला रनिया से विजयी रहे। पूर्व सीएम बंसी लाल की परपोती श्रुति चौधरी तोषाम से जीतीं।

हालांकि, भजन लाल के परिवार से भव्य बिश्नोई के लिए यह चुनाव बड़ा झटका साबित हुआ। शुरुआती राउंड्स में आदमपुर सीट से आगे चल रहे भव्य को हार का सामना करना पड़ा। खास बात है कि आदमपुर सीट पर 50 सालों से ज्यादा समय तक भजन लाल परिवार का कब्जा रहा। हरियाणा के मशहूर लाल परिवारों के 14 सदस्य चुनाव लड़ रहे थे।

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