हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन, आईजीएमसी में ली अंतिम सांस
शिमला, 8 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री रहे और कांग्रेस के कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार को निधन हो गया। मौजूदा समय अर्की से विधायक रहे 87 वर्षीय वीरभद्र ने यहां इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में तड़के 3.40 मिनट बजे अंतिम सांस ली। आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज ने उनके निधन की पुष्टि की।
- तीन दिनों का राजकीय शोक, रामपुर में शनिवार को होगा अंतिम संस्कार
इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने वीरभद्र सिंह के निधन पर तीन दिनों का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। पं. जवाहर लाल नेहरू को अपना राजनीतिक गुरु मानने वाले और हिमाचल के वरिष्ठतम राजनेताओं में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह का अंतिम संस्कार 10 जुलाई को उनके पैतृक शहर रामपुर में अपराह्न तीन बजे किया जाएगा।
दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर आईजीएमसी से उनके आवास हॉलीलॉज ले जाया गया, जहां लोग दिनभर उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे। दिवंगत नेता का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पहले रिज मैदान पर और फिर राजीव भवन कांग्रेस में दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर एक बजे परिजन पार्थिव शरीर को लेकर रामपुर जाएंगे। 10 जुलाई को पदम पैलेस रामपुर में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक आमजन दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दे सकेंगे।
- बीते सोमवार को पड़ा था दिल का दौरा
प्राप्त जानकारी के अनुसार वीरभद्र सिंह का बीते 30 अप्रैल से शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान उन्हें दूसरी बार कोरोना भी हो गया था। लेकिन उन्होंने कोरोना को मात दे दी थी। बाद में उन्हें कोविड वार्ड से शिफ्ट किया गया था। हालांकि बीते सोमवार को दिल का दौरा पड़ा तो उन्हें आईजीएमसी में फिर भर्ती कराया गया। वह वेंटिलेटर पर कोमा में चले गए थे।
- साढ़े तीन दशक की अवधि में छह बार मुख्यमंत्री रहे
23 जून, 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर में जन्मे वीरभद्र सिंह छह बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। उनका कार्यकाल 1983 से 1985, 1985 से 1990, 1993 से 1998, 1998 में कुछ दिनों के लिए, फिर 2003 से 2007 और 2012 से 2017 तक रहा।
- 1962 से लेकर 2014 तक पांच बार लोकसभा सदस्य भी रहे
अपने समर्थकों में ‘राजा साहब’ के नाम से लोकप्रिय वीरभद्र सिंह ने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। लोकसभा के लिए वीरभद्र सिंह 1962, 1967, 1971, 1980 और 2009 में चुने गए। इंदिरा गांधी की सरकार में वीरभद्र सिंह दिसंबर 1976 से 1977 तक केंद्रीय पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री रहे। दूसरी बार भी वह इंदिरा सरकार में ही वर्ष 1982 से 1983 तक केंद्रीय उद्योग राज्यमंत्री रहे।
- मुख्यमंत्री जयराम सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से लेकर देश के कई नेताओं ने वीरभद्र सिंह के निधन पर दुख जताया है. सीएम जयराम ने लिखा, ‘देवभूमि हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे हिमाचल के वरिष्ठ नेता आदरणीय वीरभद्र सिंह जी के निधन का समाचार हम सबके लिए बेहद दुःख देने वाला है। हिमाचल के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए उनका योगदान अनुकरणीय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘श्री वीरभद्र सिंह जी का मजबूत मनोबल, दृढ़ संकल्प और उत्कृष्ट कार्य हम सबके लिए सदैव प्रेरणादायक रहेगा। भगवान उनकी पुण्य आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोकग्रस्त परिवार एवं प्रशंसकों को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।’
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर सहित तमाम नेताओं ने वीरभद्र सिंह के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है।
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