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पूर्व पीएम शेख हसीना का दावा – ‘अमेरिका ने मुझे सत्ता से हटाने की साजिश रची, वह सेंट मार्टिन आईलैंड मांग रहा था’

पूर्व पीएम शेख हसीना का दावा – ‘अमेरिका ने मुझे सत्ता से हटाने की साजिश रची, वह सेंट मार्टिन आईलैंड मांग रहा था’

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नई दिल्ली, 11 अगस्त। बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक आंदोलन से उपजे भयानक दबाव के बीच अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारत में शरण लेने वालीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगभग एक हफ्ते बाद दावा किया है कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए वॉशिंगन ने साजिश रची। अवामी लीग की 76 वर्षीया नेता ने यह भी चौंकाने वाला आरोप लगाया है अमेरिका ने उन्हें इसलिए सत्ता से हटाने का प्रयास किया कि उन्होंने सेंट मार्टिन आईलैंड पर नियंत्रण छोड़ने से इनकार कर दिया था।

देश छोड़ने से पहले राष्ट्र को संबोधित करना चाहती थीं शेख हसीना

बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने और फिर भारत आने से पहले शेख हसीना राष्ट्र को संबोधित करना चाहती थीं, लेकिन उनके खिलाफ सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के कारण सेना ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। देश में बिगड़ते हालात के बीच सेना प्रमुख वकार-उज-जमान ने ही गत पांच अगस्त को शेख हसीना को 45 मिनट के अंदर इस्‍तीफा देने के लिए अल्‍टीमेटम दिया था।

‘मैं शवों का जुलूस नहीं देखना चाहती थी, इसलिए इस्तीफा दिया

समाचार पत्र ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार अपने करीबी सहयोगियों के हवाले से शेख हसीना ने कहा, ‘मैंने इस्तीफा दे दिया ताकि मुझे शवों का जुलूस न देखना पड़े। वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया, मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।’ शेख हसीना ने यह भी कहा कि यदि उन्होंने सेंट मार्टिन आईलैंड की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभाव जमाने दिया होता, तब वह सत्ता में बनी रह सकती थीं।

देश में हो रही हिंसा पर जताया दुख

रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के सदस्यों के खिलाफ हिंसा पर गहरा खेद व्यक्त किया है। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि की है। अपने परिवार के बलिदानों का सम्मान किया है और स्थिति में सुधार होने पर स्वदेश लौटने का वादा किया है।

बांग्लादेशी नागरिकों को कट्टरपंथियों के बहकावे में न आने की सलाह दी

पूर्व पीएम ने बांग्लादेशी नागरिकों को कट्टरपंथियों के बहकावे में आने से बचने की सलाह दी है। साथ ही कोटा आंदोलन और छात्र विरोध के बारे में शेख हसीना ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी छात्रों को रजाकार नहीं कहा। उनका मानना ​​है कि उनके बयानों को अशांति भड़काने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।

‘मैंने छात्रों को कभी भी रजाकार नहीं कहा’

हसीना उन्होंने कहा, ‘मैंने आपको कभी रजाकार नहीं कहा बल्कि आपको भड़काने के लिए मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। मैं आपसे उस दिन का पूरा वीडियो देखने का अनुरोध करती हूं। साजिशकर्ताओं ने मासूमियत का फायदा उठाया है और देश को अस्थिर करने के लिए आपका इस्तेमाल किया है।’

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