विदेश मंत्रालय का रूस से आग्रह – ‘रूसी सेना में भारतीय जवानों की भर्ती की प्रथा बंद हो’
नई दिल्ली, 11 सितम्बर। भारत सरकार ने रूस से आग्रह किया है कि रूस की सेना में भारतीयों को शामिल किए जाने की प्रथा अब बंद की जानी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘रूस की सेना में शामिल होने वाले भारतीयों के मुद्दे पर रूसी अधिकारियों से गंभीरता बात की गई है। साथ ही सरकार ने देशवासियों से प्रलोभनों से बचने की अपील की है।’
रणधीर जायसवाल ने बताया कि कुछ भारतीय, छात्र और कारोबारी वीजा लेकर रूस गए थे, जिन्हें वहां सेना में सहयोगी स्टाफ के रूप में भर्ती कर लिया गया। सरकार उन्हें मुक्त कराने के लिए प्रयासरत है।
गौरतलब है कि बीते साढ़े तीन वर्षों से अधिक समय से जारी रूस और यूक्रेन के हिंसक संघर्ष में 10 लाख से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे हालात में यूक्रेन के मोर्चे पर तैनात इकाइयों के साथ जोखिम भरे हालात में रूस की सेना के साथ भेजे गए भारतीय युवाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा, सरकार बीते एक वर्ष में कई बार चेतावनी दे चुकी है कि रूसी सेना में भर्ती होना बेहद खतरनाक और जोखिम भरा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में हैं। रूस से भारत लगातार यह आग्रह कर रहा है कि इस तरह की भर्तियों को तत्काल रोका जाए और भारतीयों को वापस भेजा जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी भारतीय को प्रलोभन या विदेश जाने के ऐसे प्रस्ताव स्वीकार नहीं करने चाहिए। इससे उनकी जान संकट में आ सकती है।
अब तक रूसी सेना में शामिल 126 भारतीयों में 12 की मौत हो चुकी है
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अब तक 126 भारतीयों को रूसी सेना ने भर्ती किया है। इनमें से 12 की मौत हो चुकी है। 96 लोगों को रिहा किया गया है जबकि 16 अब भी लापता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले वर्ष रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सामने यह मामला उठाया था।
