
वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा – USAID ने 2024 में 750 मिलियन डॉलर के 7 प्रोजेक्ट्स में की फंडिंग
नई दिल्ली, 23 फरवरी। भारत में चल रहे यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) फंडिंग विवाद पर केंद्र सरकार ने बड़ा खुलासा किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार USAID भारत सरकार की पार्टनरशिप में लगभग 750 मिलियन डॉलर (लगभग 65 अरब रुपये) बजट के सात प्रोजेक्ट्स चला रहा है।
चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए USAID से कोई फंडिंग नहीं मिली
राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि इन सात परियोजनाओं के लिए USAID ने 97 मिलियन डॉलर (लगभग 825 करोड़ रुपये) देने का वादा किया है। रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए USAID से किसी तरह की फंडिंग नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चार दिनों में चार बार दावा कर चुके हैं कि वोटिंग बढ़ाने के लिए भारत को USAID से फंडिंग मिली है
वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने भी रिपोर्ट में 2023-24 में फंड से चलने वाले प्रोजेक्ट्स की जानकारी शेयर की है। यह डिपार्टमेंट, बाइलेटरल फंडिंग मामलों के लिए नोडल डिपार्टमेंट है। रिपोर्ट के अनुसार एग्रीकल्चर और फूड सिक्योरिटी प्रोग्राम, जल, वाटर, सेनिटेशन और हाइजीन (WASH), रिन्यूएबल एनर्जी, डिजास्टर मैनेजमेंट और हेल्थ आदि से जुड़े प्रोजेक्ट्स को फंड दिया गया है।
ट्रंप के बयान के बाद भारत में गरमाई हुई है राजनीति
गौरतलब है कि भारत में USAID का मुद्दा तब गरमाया, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के DOGE विभाग ने भारत को मिलने वाली मदद बंद कर दी। ट्रंप ने दावा किया कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासन में USAID ने भारत को 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपये) का फंड दिया है।
ट्रंप ने कहा कि इस फंडिंग का इस्तेमाल भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने यानी वोटिंग बढ़ाने के लिए दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि इस फंड के जरिए बाइडेन शासन भारत में शायद किसी खास को जिताना चाहता था। ट्रंप के बयान के बाद भारत की सियासत में खलबली मच गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
वाशिंगटन पोस्ट भी ट्रंप के दावे को कर चुका है खारिज
इस बीच अमेरिकी समाचारपत्र वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में USAID कार्यक्रम की जानकारी रखने वाले तीन अधिकारियों का हवाला देते हुए लिखा गया कि मस्क के नेतृत्व वाला डिपार्टमेंट, दूसरे कार्यक्रमों के आंकड़ों को आपस में मिला रहा है। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया, ‘हम सभी DOGE के इस दावे को देखकर हैरान हैं। हमें भारत में चुनावों के बारे में कुछ भी पता नहीं है क्योंकि हम कभी इसमें शामिल नहीं रहे हैं।’
अधिकारी ने यह भी कहा कि USAID के पास बांग्लादेश के लिए 21 मिलियन डॉलर का कांट्रैक्ट था। इंडियन एक्सप्रेस ने भी अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि 21 मिलियन डॉलर (करीब 182 करोड़ रुपये) की यह फंडिंग भारत के लिए नहीं, बल्कि बांग्लादेश के लिए थी।
भारत को USAID के जरिए 1951 में शुरू की गई थी मदद
गौरतलब है कि भारत को अमेरिका की द्विपक्षीय विकासात्मक मदद वर्ष 1951 में शुरू हुई थी। इस अमेरिकी फंडिंग प्रोग्राम को खास तौर पर USAID के जरिए चलाया जाता है। शुरुआत से लेकर अब तक USAID ने 555 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स के लिए विभिन्न क्षेत्रों में भारत को 17 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद दी है।