वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इतिहास रचने को तैयार, एक फरवरी को पेश करेंगी लगातार आठवां बजट
नई दिल्ली, 30 जनवरी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दो दिनों बाद ऐसा इतिहास रचने जा रही हैं, जो आजाद भारत में कोई अन्य वित्त मंत्री नहीं कर सका। दरअसल, सीतारमण एक फरवरी को लगातार आठवां बजट पेश करेंगी। हालांकि कुछ पूर्ववर्ती वित्त मंत्री आठ से ज्यादा बार बजट पेश कर चुके हैं, लेकिन वे बजट लगातार नहीं बल्कि कुछ अंतराल के साथ पेश किए गए थे।
उम्मीद है कि आम बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने तथा महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के उपाय किए जाएंगे जबकि वित्तीय अनुशासन भी बनाए रखा जाएगा।
मोरारजी देसाई के सर्वकालिक रिकॉर्ड के और करीब पहुंच जाएंगी
खैर, सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश करने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा अलग-अलग समय पर पेश किए गए 10 बजट के सर्वकालिक रिकॉर्ड के और करीब पहुंच जाएंगी। देसाई ने 1959-1964 के दौरान वित्त मंत्री के रूप में लगातार छह बजट और 1967-1969 के बीच लगातार चार बजट पेश किए थे।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने भी क्रमशः नौ और आठ बजट पेश किए थे, जो विभिन्न प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में थे। इससे इतर निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाने जा रहीं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आठवां बजट होगा।
वर्ष 2019 से वित्तमंत्री की भूमिका निभा रहीं निर्मला
निर्मला सीतारमण को वर्ष 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पीएम मोदी का दूसरा कार्यकाल था। 2024 में मोदी के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद भी सीतारमण ने अपना वित्त मंत्रालय का पद बरकरार रखा है। अब तक उन्होंने कुल सात बजट पेश किए हैं, जिसमें फरवरी 2024 का अंतरिम बजट भी शामिल है।
स्वतंत्र भारत के बजट की खास बातें
- स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट 26 नवम्बर 1947 को देश के पहले वित्तमंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
- पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल में कुल 10 बजट पेश किए थे।
- मोरारजी देसाई ने 28 फरवरी, 1959 को अपना पहला बजट पेश किया और अगले दो वर्षों में पूरे बजट पेश किए, इसके बाद 1962 में एक अंतरिम बजट पेश किया। फिर दो और पूरे बजट पेश किए। चार वर्षों बाद 1967 में एक और अंतरिम बजट पेश किया फिर 1967, 1968 और 1969 में तीन पूरे बजट पेश किए।
- पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम दूसरे सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले नेता हैं। उन्होंने नौ बार बजट पेश किया। उन्होंने पहली बार 19 मार्च, 1996 को प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार में और उसी कार्यकाल में अगला बजट भी पेश किया। वर्ष 2004 से 2008 के बीच पांच बजट पेश किए। फिर 2013 और 2014 में बजट पेश किए।
- प्रणब मुखर्जी ने वित्तमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आठ बजट पेश किए। उन्होंने 1982, 1983 और 1984 और फिर फरवरी 2009 से मार्च 2012 तक कांग्रेस-नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में लगातार पांच बजट पेश किए।
- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्तमंत्री रहते हुए 1991 से 1995 के बीच लगातार पांच बजट पेश किए।
निर्मला के नाम सबसे लंबा बजट भाषण
निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी 2020 को दो घंटे और 40 मिनट तक चलने वाले अपने बजट भाषण के साथ सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड बनाया। इसके बावजूद उन्हें दो पन्ने शेष रहते इसे बंद करना पड़ा। इसके उलट, हीरूभाई मुलजीभाई पटेल का 1977 का अंतरिम बजट भाषण सबसे छोटा है, जिसमें केवल 800 शब्द थे।
बजट तिथि व समय में भी होता रहा है बदलाव
पहले फरवरी माह के अंतिम दिन शाम पांच बजे बजट पेश किया जाता था। 1999 में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार के दौरान वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने इसे पूर्वाह्न 11 बजे पेश करना शुरू कर दिया। वर्ष 2017 में बजट की तारीख को भी बदलकर एक फरवरी कर दिया गया, ताकि सरकार मार्च के अंत तक संसदीय प्रक्रिया को पूरा कर सके और एक अप्रैल से नया वित्तवर्ष शुरू होते ही इसे लागू कर सके।
