चंडीगढ़, 12 फरवरी। किसान संगठनों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार के साथ बातचीत बेनतीजा रही, जिसके बाद किसान संगठनों ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार, 13 फरवरी को उनका विरोध प्रदर्शन होगा। विरोध प्रदर्शन के लिए किसान संगठन अपने ट्रैक्टरों से दिल्ली की और बढ़ रहे है।
सरकार ने एमएसपी की मांग पर हामी नहीं भरी
दरअसल, समझौता करने के लिए केंद्र सरकार के दो मंत्रियों की किसानों के साथ बैठक हुई। बताया जा रहा है कि किसानों के साथ करीब पांच घंटे तक चली बैठक बेनातीजा रही क्योंकि सरकार ने एमएसपी की मांग पर हामी नहीं भरी है। इससे किसान रुष्ट हो गए और वे दिल्ली की बढ़ रहे हैं।
शुरुआती जानकारी से ऐसा प्रतीत हुआ कि किसानों और सरकार के बीच बात बन जाएगी। सरकार ने किसानों की कुछ मांगे मानी हैं, लेकिन एमएसपी को लेकर अब भी सरकार का रुख कुछ अलग ही है और गतिरोध जारी है। यही वजह रही कि बैठक का कोई नतीजा सामने नहीं आया। बैठक के बाद किसानों ने कहा, ‘दिल्ली कूच जारी रहेगा। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’
‘सरकार के मन में खोट है, पूर्वाह्न 10 बजे के बाद हम आगे बढ़ेंगे‘
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार किसान संगठन ने कहा, ‘सरकार के मन में खोट है। पूर्वाह्न 10 बजे के बाद हम आगे बढ़ेंगे।’ दरअसल किसान एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। किसान मोर्चा का कहना है, ‘सरकार का रवैया जिद्दी है। सरकार के पास इस बाबत कोई प्रस्ताव नहीं है। सरकार हमारी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसे में 13 फरवरी को 10 बजे फिर से दिल्ली कूच करेंगे। सरकार ने दो साल पहले हमसे वादे किए थे, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया।’
इन बातों पर बनी सहमति
खबरों की मानें तो किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि लखीमपुर में मारे गए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा और बिजली एक्ट 2020 को रद किया जाएगा। इस बात पर भी सहमति बनी कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मामले वापस होंगे।
लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी
इस बीच हरियाणा के प्राधिकारियों ने 13 फरवरी को किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए अंबाला, जींद, फतेहाबाद और कुरुक्षेत्र में कई स्थानों पर पंजाब के साथ लगती राज्य की सीमा की कंक्रीट के अवरोधक और लोहे की कील और कंटीले तार लगाकर किलेबंदी कर दी है। इन उपायों से सोमवार को सुबह दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में यातायात की आवाजाही पर असर पड़ा जिससे यात्रियों को असुविधा हुई।
दिल्ली में धारा 144 लागू
वहीं दिल्ली पुलिस ने किसानों के मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘सामाजिक अशांति’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के मद्देनजर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा यातायात पाबंदियां लागू की गई हैं।