1. Home
  2. हिन्दी
  3. राजनीति
  4. विपक्षी गठबंधन INDIA पर रोक की मांग पर चुनाव आयोग का जवाब – ‘हम गठबंधनों पर कुछ नहीं कर सकते’
विपक्षी गठबंधन INDIA पर रोक की मांग पर चुनाव आयोग का जवाब – ‘हम गठबंधनों पर कुछ नहीं कर सकते’

विपक्षी गठबंधन INDIA पर रोक की मांग पर चुनाव आयोग का जवाब – ‘हम गठबंधनों पर कुछ नहीं कर सकते’

0
Social Share

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर। आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार का काट खोजने के लिए एकजुट हुए विपक्षी दलों के महागठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (INDIA) के नाम पर सवाल उठाने वाली याचिका को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने जवाब दिया है।

दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामे में चुनाव आयोग ने बताया है कि वह राजनीतिक गठबंधनों को रेगुलेट नहीं कर सकता। आयोग ने बताया कि उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम या संविधान के तहत रेगुलेटरी संस्था के रूप में मान्यता नहीं है। यह हलफनामा उस याचिका के जवाब में दिया गया है, जिसमें चुनाव आयोग से विपक्षी गठबंधन को ‘इंडिया’ नाम का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग उठाई गई थी।

गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले के लिए इसी वर्ष 18 जुलाई को INDIA का गठन किया गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त, 2023 को 26 राजनीतिक दलों को संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग करने से रोकने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

2021 के केरल हाई कोर्ट के फैसले का हवाला

चुनाव आयोग ने अपने ताजा हलफनामे में 2021 के डॉक्टर जॉर्ज जोसेफ बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में केरल हाई कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है। इसके मुताबिक चुनाव आयोग को जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29ए के तहत किसी राजनीतिक दल के निकायों या व्यक्तियों के संघों को रजिस्टर करने का अधिकार दिया गया है जबकि राजनीतिक गठबंधनों को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 (आरपी ऐक्ट) या संविधान के तहत रेगुलेटेड संस्थाओं के रूप में मान्यता नहीं दी गई है।

डॉक्टर जॉर्ज जोसेफ के केस में केरल हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को राजनीतिक गठबंधनों, एलडीएफ, यूडीएफ या एनडीए के नाम संबंध में निर्देश देने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि आरपी ऐक्ट के तहत राजनीतिक गठबंधन कानूनी इकाई नहीं हैं।

मांगा गया था जवाब

गिरीश भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि 26 विपक्षी दल अगले वर्ष प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के लिए हमारे देश के नाम का अनुचित लाभ उठाना चाहते हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की बेंच ने चार अगस्त, 2023 को केंद्र, ईसीआई और 26 विपक्षी दलों से जवाब मांगा था। शीर्ष चुनाव आयोग ने हलफनामे में यह भी कहा है कि उसके पास केवल चुनावों से संबंधित मामलों को देखने का अधिकार है।

भारद्वाज ने अपनी याचिका में यह भी दलील दी थी कि उन्होंने 19 जुलाई को चुनाव आयोग को एक प्रतिवेदन भेजा था, जिसमें शीर्ष चुनाव आयोग से ‘इंडिया’ के इस्तेमाल के खिलाफ जरूरी एक्शन का अनुरोध किया गया था, लेकिन चुनाव आयोग पार्टियों के स्वार्थी कृत्य की निंदा करने या कोई काररवाई करने में विफल रहा है।

LEAVE YOUR COMMENT

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Join our WhatsApp Channel

And stay informed with the latest news and updates.

Join Now
revoi whats app qr code