बिहार विधानसभा चुनाव : मतदाता सूची में सुधार के लिए निर्वाचन आयोग घर-घर जाकर करेगा सत्यापन
नई दिल्ली, 22 जून। इस वर्षांत प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) मतदाता सूची में दोबारा संशोधन के दौरान घर-घर जाकर गहन सत्यापन करने पर विचार कर रहा है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सिर्फ वास्तविक और पात्र नागरिक ही मतदाता सूची में शामिल हों।
चुनाव आयोग के सूत्रों का कहना है कि पिछले कुछ समय से विभिन्न नागरिक संगठनों, राजनीतिक दलों और एजेंसियों की ओर से मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम शामिल करने या हटाने के संबंध में लगातार चिंता जताई जाती रही है।
EC के सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी के प्रति आश्वस्त है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि केवल वास्तविक और पात्र नागरिकों के नाम ही मतदाता सूची में दर्ज हों। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा पूरे देश में मतदाता सूची में संशोधन का नियमित कार्य प्रतिवर्ष किया जाता है तथा चुनाव/उपचुनावों से पहले भी यह कार्य किया जाता है।
अन्यान्य कारणों से वोटर लिस्ट को निरंतर अपडेट करने की जरूरत
चुनाव आयोग के सूत्रों ने मतदाता सूची को लगातार अपडेट करने के कारणों का भी जिक्र किया। दरअसल, देश में विवाह, नौकरी के अवसर, शिक्षा, पारिवारिक जरूरतों आदि के कारण लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य और एक जिले से दूसरे जिले या राज्यों और जिलों के भीतर लोगों की आवाजाही लगी रहती है।
सूत्रों ने बताया, ‘उदाहरण के लिए, निर्वाचन आयोग को प्राप्त फॉर्मों के अनुसार, वर्ष 2024 के दौरान 46.26 लाख लोगों ने अपना निवास स्थान बदला, 2.32 करोड़ ने सुधार के लिए आवेदन किया और 33.16 लाख ने प्रतिस्थापन (replacement) के लिए अनुरोध किया। इस प्रकार, एक साल में देशभर में लगभग 3.15 करोड़ लोगों को बदलाव करने की आवश्यकता थी।’
उन्होंने कहा कि सामान्य रूप से मृत मतदाताओं के नाम हटाने की संख्या पंजीकृत मौतों की तुलना में बहुत कम है क्योंकि परिवारीजन अपने रिश्तेदारों के नाम हटाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग से संपर्क नहीं करते>
सूत्रों के अनुसार, अन्य कार्यों में 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले युवा मतदाताओं के नाम जोड़ना, मतदाता विवरण जैसे नाम/फोटो/पता में सुधार, विभिन्न कारणों से मतदान केंद्रों को तर्कसंगत बनाना, विशेष रूप से निर्वाचन आयोग द्वारा प्रति मतदान केंद्र 1,500 मतदाताओं की नई सीमा निर्धारित करने के मद्देनजर, तथा यह सुनिश्चित करने की निर्वाचन आयोग की प्रतिबद्धता कि किसी भी मतदाता को अपना वोट डालने के लिए दो किलोमीटर से अधिक की यात्रा न करनी पड़े, तथा मतदाता सूची में विदेशी अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उनके नाम हटाना शामिल है।
सूत्रों ने कहा, ‘मतदाता सूची को अपडेट करने की पूरी प्रक्रिया ईसीआई के कानून/नियमों/निर्देशों के अनुसार संचालित की जाती है और अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले राजनीतिक दलों को दावे, आपत्तियां और अपील दायर करने के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किया जाता है। हालांकि, एक विस्तृत प्रोटोकॉल का पालन करने के बावजूद, मतदाता सूची में मनमाने ढंग से वृद्धि करने के लिए ईसीआई के खिलाफ अक्सर आरोप लगाए जाते हैं। लेकिन, यह अभ्यास पूरी पारदर्शिता के साथ और राजनीतिक दलों की निरंतर निगरानी के तहत किया जाता है।’
2004 में भी किया जा चुका है ऐसा गहन और सख्त पुनरीक्षण
उन्होंने कहा, ‘इस प्रकार प्रणाली को पूरी तरह से मजबूत और किसी भी तरह की त्रुटि से मुक्त बनाने के लिए, चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए आगामी मतदाता सूची संशोधन के दौरान घर-घर जाकर गहन सत्यापन करने पर विचार कर रहा है। हालांकि मतदाता सूची का ऐसा गहन और सख्त पुनरीक्षण पहले भी किया जा चुका है। ऐसा आखिरी अभ्यास वर्ष 2004 में किया गया था।’
