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यूपी उपचुनाव : सपा की शिकायत पर चुनाव आयोग की काररवाई, 7 पुलिसकर्मी निलंबित

यूपी उपचुनाव : सपा की शिकायत पर चुनाव आयोग की काररवाई, 7 पुलिसकर्मी निलंबित

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लखनऊ, 20 नवम्बर। उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर बुधवार को उपचुनाव के दौरान वार-पलटवार के बीच ही समाजवादी पार्टी (सपा) की शिकायत पर भारत निर्वाचन आयोग ने बड़ी काररवाई की है और वोटर कार्ड चेक करने की शिकायत पर अंतिम समाचार मिलने तक सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें मुरादाबाद की कुंदरकी में तीन, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और कानपुर की सीसामऊ में दो-दो पुलिसकर्मी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयुक्त से बात भी की है। अखिलेश के अनुसार अभी और भी पुलिस वालों को सस्पेंड किया जाएगा।

चुनाव आयुक्त से बात कर अखिलेश बोले – बाकी भी सस्पेंड होंगे

उल्लेखनीय है कि सपा की शिकायत पर एक दिन पहले ही चुनाव आयोग ने पुलिस वालों को किसी का वोटर कार्ड चेक करने से मना किया था। पुलिस द्वारा महिलाओं का हिजाब हटाकर चेहरा देखने पर भी मनाही थी। इसके बाद भी कई स्थानों पर पुलिस वाले वोटर कार्ड चेक कर रहे थे और हिजाब हटाकर चेहरा देखा जा रहा था। वीडियो के साथ जहां-जहां से शिकायत मिलीं, वहां पर फिलहाल एक्शन हुआ है। बताया जाता है कि सपा की तरफ से शिकायत के बाद आयोग के निर्देश पर काररवाई करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने शिकायतों की पुष्टि की और फिर पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने फिर दी हिदायत

पुलिस वालों पर एक्शन के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि सभी अधिकारियों को दोबारा यह निर्देश दिया गया है कि वोटरों की आईडी चेक होगी, लेकिन आईडी की चेकिंग केवल मतदानकर्मी करेंगे। पुलिस वाले किसी की आईडी चेक नहीं करेंगे। पुलिस वाले शांति और सुरक्षा व्यवस्था का काम करेंगे। वे आईडी के नाम पर किसी को रोकेंगे नहीं। जिनके खिलाफ भी शिकायत आती है, उन पर काररवाई होगी। चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है।

CEC ने निष्पक्ष मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के दिए सख्त निर्देश

वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और निर्वाचन अधिकारियों को निष्पक्ष एवं सुचारू मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए। अधिकारियों से कहा गया कि वे सभी शिकायतों का तत्काल संज्ञान लें और त्वरित काररवाई करें तथा शिकायतकर्ता को सोशल मीडिया के माध्यम से भी टैग करके सूचित करें।

राजीव कुमार की ओर से चेतावनी दी गई कि किसी भी पात्र मतदाता को मतदान करने से नहीं रोका जाना चाहिए तथा किसी भी प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। निर्वाचन अधिकारियों से कहा गया है कि शिकायत मिलने पर अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त काररवाई की जानी चाहिए।

लाठीचार्ज में दो सब इंस्पेक्टर सस्पेंड

इस बीच मीरापुर विधानसभा सीट पर निर्देशों का पालन नहीं करने पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने दो दारोगाओ नीरज कुमार और ओमपाल सिंह को निलंबित कर दिया है। ककरौली में पुलिस पर पथराव और लाठीचार्ज के मामले में दोनों को सस्पेंड किया गया है। बताया जाता है कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही में एसएसपी ने यह काररवाई की है।

अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए कई आरोप

इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि विधानसभा उपचुनाव में पुलिस प्रशासन सपा समर्थकों को वोट देने से रोक रहा है और ऐसे में चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करने की जरुरत है। लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कानपुर के सीसामऊ समेत कुछ अन्य विधानसभा क्षेत्रों में पुलिस मतदाताओं के पहचान पत्र देख रही है और उन्हे वोट देने से रोका जा रहा है, जो अलोकतांत्रिक है।

चुनाव आयोग से मिले आश्वासन के लिए दिया धन्यवाद

सपा अध्यक्ष ने एक्स पर भी लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में जिन मतदाताओं को पुलिस-प्रशासन द्वारा वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से वोट डालने जाएं। इस चुनावी गड़बड़ी की सूचना हर तरफ फैल गई है। चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है और अब उसकी तरफ से ये आश्वासन मिल रहा है कि जिन लोगों को वोट डालने से रोका गया है, वो एक बार फिर से जाएं और अपना वोट ज़रूर डालें। अब कोई गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। यदि फिर से कोई रोके तो आप वहां उपस्थित चुनाव आयोग के अधिकारियों या राजनीतिक दलों के लोगों को सूचित करें या चुनाव आयोग से सीधी शिकायत करें। चुनाव आयोग से मिले इस आश्वासन के लिए धन्यवाद।’

अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार के इशारे पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में चुनिंदा पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है और उन अधिकारियों की सूची उनके पास है। भाजपा की सरकार जाने के बाद ऐसे पुलिस अधिकारियों को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन व पुलिस के बेईमान अधिकारी बख्शे नहीं जाएंगे। उनके वीडियो साक्ष्य उनके ख़िलाफ वैधानिक काररवाई का आधार बनेंगे।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि निर्वाचन आयोग का कोई जीता-जागता अस्तित्व है तो वो जीवंत होकर, प्रशासन के द्वारा वोटिंग को हतोत्साहित करने के लिए तुरंत सुनश्चिति करे। लोगों की आईडी पुलिस चेक न करें। रास्ते बंद न किये जाएं। वोटर्स के आईडी ज़ब्त न किये जाएं। असली आईडी को नकली आईडी बताकर जेल में डालने की धमकी न दी जाए। मतदान की गति घटायी न जाए। समय बर्बाद न किया जाए, जरूरत पड़ने पर वोटिंग का टाइम बढ़ाया जाए। प्रशासन सत्ता का प्रतिनिधि न बने। चुनावी गड़बड़ी की सभी वीडियो रिकार्डिंग का रीयल टाइम संज्ञान लेकर तत्काल बेईमान अधिकारी हटाए जाएं।

उन्होंने कहा कि जो भी पुलिस अधिकारी वोटर कार्ड और आधार आईडी चेक कर रहे हैं, उन्हें वीडियो के आधार पर तुरंत निलंबित किया जाए। पुलिस को आधार आईडी कार्ड या पहचान पत्र जांचने का कोई अधिकार नहीं है।

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