नई दिल्ली, 22 जनवरी। उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में प्रस्तावित आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग ने रैलियों और जनसभाओं पर लगी रोक और एक हफ्ते तक बढ़ा दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयोग ने शनिवार को एक डिजिटल बैठक में राष्ट्रीय स्तर पर कोविड की मौजूदा स्थिति की फिर समीक्षा की और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विशेषज्ञों, चुनाव वाले पांच राज्यों एवं संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से परामर्श के बाद यह फैसला किया।
घर-घर प्रचार के लिए अब एक साथ 10 लोगों को इजाजत
निर्वाचन आयोग के फैसले के अनुसार अब 31 जनवरी तक रैलियों, रोड शो और जुलूस पर पाबंदी रहेगी। हालांकि इसके साथ ही कुछ छूट भी दी गई हैं। डोर टू डोर कैंपेन यानी घर-घर प्रचार के लिए अब पांच लोगों की जगह 10 लोग एक साथ जा सकते हैं। हालांकि उन्हें भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया है।
चुनावी सभाओं में 300 की जगह अब 500 लोग हिस्सा ले सकेंगे
नए निर्देश के तहत चुनावी सभाओं में 300 की जगह अब 500 लोग हिस्सा ले सकते हैं। पहले चरण के मतदान के लिए राजनीतिक दलों या फिर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सार्वजनिक बैठकों के लिए 28 से छूट दी गई है जबकि दूसरे चरण के लिए दो फरवरी से छूट मिलेगी। खुले स्थानों पर प्रचार के लिए वीडियो की इजाजत है।
यूपी में 10 फरवरी को होनी है पहले चरण की वोटिंग
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होने हैं। यहां पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी जबकि सात मार्च को आखिरी चरण का मतदान होगा। वहीं उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी को एक ही चरण में मतदान होगा जबकि पंजाब में 20 फरवरी को वोटिंग होगी। मणिपुर में दो चरणों (27 फरवरी और तीन मार्च) में मतदान होगा। सभी पांचों राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च को आएंगे।